
22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग जिले के बाईसारन घाटी में हुए आतंकी हमले में 26 निर्दोष नागरिकों की हत्या कर दी गई, जिनमें अधिकांश हिंदू पर्यटक थे। हमलावरों ने पीड़ितों की धार्मिक पहचान पूछकर उन्हें निशाना बनाया। इस हमले की जिम्मेदारी पहले ‘द रेजिस्टेंस फ्रंट’ (TRF) ने ली थी, जिसे बाद में वापस ले लिया गया।
हमले के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और तीनों सेनाओं के प्रमुखों के साथ उच्च स्तरीय बैठक की। इस बैठक में उन्होंने सेना को आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई के लिए पूर्ण स्वतंत्रता प्रदान की।
भारत सरकार ने पाकिस्तान पर आतंकवाद को समर्थन देने का आरोप लगाते हुए कई कड़े कदम उठाए हैं, जिनमें सिंधु जल संधि को निलंबित करना, पाकिस्तानी नागरिकों के लिए वीजा सेवाओं को रद्द करना और दोनों देशों के बीच राजनयिक संबंधों को सीमित करना शामिल है।
इस हमले के बाद देशभर में आक्रोश फैल गया है, और सरकार पर आतंकवाद के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की जा रही है। प्रधानमंत्री मोदी के इस निर्णय को राष्ट्रीय सुरक्षा के प्रति उनकी प्रतिबद्धता के रूप में देखा जा रहा है।