
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए भीषण आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव अपने चरम पर पहुंच चुका है। इस हमले में 26 नागरिकों की दर्दनाक मौत हुई थी, और भारत ने इसकी जिम्मेदारी पाकिस्तान समर्थित आतंकियों पर डाली है। हालात की गंभीरता को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को रक्षा सचिव राजेश कुमार सिंह के साथ एक मैराथन बैठक की।
🔸 उच्च स्तरीय सुरक्षा समीक्षा
इस बैठक में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार, थल सेना, वायुसेना और नौसेना के शीर्ष अधिकारियों के इनपुट के आधार पर पाकिस्तान के खिलाफ कड़े कदमों पर मंथन हुआ। सूत्रों के अनुसार, इस बैठक में सीमा पार आतंकी लॉन्चपैड्स, LoC पर हो रही लगातार गोलीबारी और नागरिक इलाकों में हो रहे नुकसान की गंभीर समीक्षा की गई।
🔸 प्रधानमंत्री की स्पष्ट चेतावनी: “निर्णायक कार्रवाई के लिए सेना तैयार रहे”
बैठक के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने रक्षा बलों को आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई की खुली छूट दी है। उन्होंने कहा कि देश की सुरक्षा से किसी प्रकार का समझौता नहीं किया जाएगा। यह स्पष्ट संकेत है कि भारत अब प्रतीक्षा नहीं करेगा, बल्कि ठोस और प्रभावशाली कदम उठाएगा।
🔸 पाकिस्तान की ओर से लगातार उकसावे
पाकिस्तान की सेना द्वारा पिछले 11 दिनों से नियंत्रण रेखा (LoC) पर लगातार गोलीबारी की जा रही है, जिसमें कई भारतीय जवान और नागरिक घायल हुए हैं। इन कार्रवाइयों को भारत उकसावे की कार्रवाई मान रहा है और अंतरराष्ट्रीय मंचों पर पाकिस्तान की निंदा भी कर चुका है।
इसी बीच एक और भड़काऊ बयान सामने आया है— रूस में पाकिस्तान के राजदूत मोहम्मद खालिद जमाली ने भारत को खुलेआम परमाणु हमले की धमकी दी है। उन्होंने मीडिया को दिए बयान में कहा,
“अगर भारत ने हम पर हमला किया तो हम परमाणु हथियारों के इस्तेमाल से पीछे नहीं हटेंगे।“
🔸 “चार दिन की भी ताक़त नहीं PAK में”
पाकिस्तान की इस गीदड़भभकी पर भारत के रक्षा विशेषज्ञों और पूर्व सैन्य अधिकारियों ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। उनका कहना है कि पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था और सैन्य स्थिति इतनी कमजोर है कि वो चार दिन की जंग भी नहीं लड़ सकता। भारत ने पाकिस्तान की परमाणु धमकी को मनौवैज्ञानिक दबाव बनाने की रणनीति बताया है।
🔸 भारत के उठाए गए अब तक के कदम
- पाकिस्तान के नागरिकों के लिए वीज़ा सेवाएं निलंबित
- वाघा-अटारी बॉर्डर को किया गया बंद
- सिंधु जल संधि की समीक्षा की जा रही है
- पाकिस्तान को भेजे जाने वाले व्यापारिक मार्गों पर रोक
🔸 तीनों सेनाओं की तैयारियां चरम पर
पीएम मोदी ने हाल ही में वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल ए.पी. सिंह, नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश के. त्रिपाठी और थलसेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी से अलग-अलग बैठकें की थीं। इन बैठकों में प्रत्येक बल की तैयारियों, संसाधनों और जवाबी कार्रवाई की योजनाओं पर चर्चा हुई।
📌 विश्लेषण:
विशेषज्ञ मानते हैं कि इस बार भारत की प्रतिक्रिया सीमित कूटनीतिक न होकर सैन्य और रणनीतिक स्तर पर अधिक प्रभावशाली हो सकती है। पिछली सर्जिकल स्ट्राइक और बालाकोट एयरस्ट्राइक के अनुभवों को ध्यान में रखते हुए, सरकार ने हर पहलू की विस्तृत समीक्षा शुरू कर दी है।