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पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन, सेना की फायरिंग और इंटरनेट सेवा ठप

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पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) में हाल के दिनों में हालात तेजी से बिगड़े हैं। स्थानीय जनता की लंबे समय से चली आ रही उपेक्षा, महंगाई और संसाधनों की कमी के खिलाफ लोगों का गुस्सा अब बड़े पैमाने पर विरोध और हड़तालों में बदल चुका है।

इस जन आंदोलन की अगुवाई अवामी एक्शन कमेटी (Awami Action Committee) कर रही है, जो कि स्थानीय लोगों के अधिकारों के लिए संघर्षरत एक संगठन है। इस संगठन ने हाल ही में एक बड़े बंद (हड़ताल) का आह्वान किया, जिसमें हजारों की संख्या में लोग सड़कों पर उतरे। उन्होंने सरकार के खिलाफ नारे लगाए और PoK में दशकों से जारी आर्थिक और राजनीतिक भेदभाव को लेकर विरोध जताया।

प्रदर्शन के दौरान कुछ इलाकों में स्थिति नियंत्रण से बाहर हो गई। पाकिस्तानी सुरक्षाबलों और सेना ने प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए बल प्रयोग किया। स्थानीय रिपोर्टों के अनुसार, कई जगहों पर सेना ने सीधे फायरिंग की, जिससे दर्जनों लोग घायल हुए हैं। कुछ स्थानों पर जानमाल के नुकसान की भी आशंका जताई जा रही है, हालांकि अभी तक इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है।

स्थिति को संभालने के लिए प्रशासन ने PoK के कई क्षेत्रों में इंटरनेट सेवा को बंद कर दिया है ताकि प्रदर्शनकारियों के बीच संपर्क को रोका जा सके और विरोध को सोशल मीडिया पर फैलने से रोका जा सके। यह कदम स्थानीय लोगों के बीच और अधिक असंतोष का कारण बन रहा है, क्योंकि उन्हें लगता है कि उनकी आवाज को दबाया जा रहा है।

अवामी एक्शन कमेटी ने PoK में 38 सूत्रीय मांग पत्र सरकार के सामने रखा है। इसमें मुख्य रूप से आर्थिक सुधार, बिजली और पानी की आपूर्ति, चिकित्सा सुविधाएं, रोजगार, स्थानीय संसाधनों पर अधिकार, और विधानसभा में उचित प्रतिनिधित्व जैसे मुद्दे शामिल हैं। इस समिति का कहना है कि अगर सरकार इन मांगों को नहीं मानती है तो प्रदर्शन और तेज़ किया जाएगा।

सरकार की ओर से प्रदर्शनकारियों से बातचीत की कोशिश की गई, लेकिन अब तक कोई ठोस समाधान सामने नहीं आया है। PoK के हालात गंभीर होते जा रहे हैं और अंतरराष्ट्रीय समुदाय की नज़रें अब इस क्षेत्र पर टिकी हैं।

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