
बिहार के गया जिले में तैनात 28 वर्षीय सब-इंस्पेक्टर अनुज कश्यप की मौत ने पूरे पुलिस महकमे को झकझोर दिया है। अनुज कश्यप, जो गया SSP कार्यालय की मीडिया सेल में कार्यरत थे, ने शुक्रवार देर रात अपने किराए के घर में फांसी लगाकर जान दे दी। इस घटना के बाद उनके पिता भावनाथ मिश्रा ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराते हुए गंभीर आरोप लगाए हैं कि महिला सब-इंस्पेक्टर स्वीटी कुमारी के मानसिक दबाव और ब्लैकमेलिंग के चलते उनके बेटे ने यह खौफनाक कदम उठाया।
जानकारी के मुताबिक, अनुज 2019 में बिहार पुलिस में भर्ती हुए थे और अपने काम के प्रति गंभीर और अनुशासित अधिकारी माने जाते थे। शादी के बाद से वे अकेले रह रहे थे। पिता के अनुसार, हाल के महीनों में अनुज के स्वभाव और मानसिक स्थिति में बदलाव साफ दिख रहा था। उनका दावा है कि महिला SI लगातार निजी मामलों में हस्तक्षेप कर रही थी और व्यक्तिगत जानकारियों का इस्तेमाल करके अनुज को धमका रही थी।
पुलिस ने पिता की शिकायत के आधार पर महिला सब-इंस्पेक्टर स्वीटी कुमारी के खिलाफ मामला दर्ज किया। उन पर BNS की धारा 115 (आत्महत्या के लिए उकसाना) और 386 (ब्लैकमेल) समेत अन्य प्रावधानों के तहत आरोप लगाए गए हैं। शनिवार को पुलिस ने स्वीटी कुमारी को गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेज दिया। फिलहाल उनसे पूछताछ जारी है ताकि यह पता लगाया जा सके कि आत्महत्या से पहले अनुज किन हालातों से गुजर रहे थे और आरोपों में कितनी सच्चाई है।
पुलिस सूत्रों के मुताबिक, अनुज के मोबाइल फोन और अन्य डिजिटल डिवाइस की फोरेंसिक जांच कराई जाएगी ताकि कॉल रिकॉर्ड, चैट और अन्य साक्ष्य इकट्ठा किए जा सकें। वहीं, विभागीय स्तर पर भी इस मामले को गंभीरता से लेते हुए एक आंतरिक जांच कमेटी गठित की गई है।
इस घटना ने पुलिस विभाग के भीतर संबंधों और कार्यस्थल पर मानसिक स्वास्थ्य को लेकर नए सवाल खड़े कर दिए हैं। सेवानिवृत्त IPS अधिकारी M.A. काज़मी का कहना है कि पुलिस जैसे तनावपूर्ण पेशे में कार्यरत अधिकारियों को न केवल पेशेवर प्रशिक्षण बल्कि मानसिक और भावनात्मक सहयोग की भी आवश्यकता है। उन्होंने इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए विभाग में काउंसलिंग और लैंगिक संवेदनशीलता प्रशिक्षण को अनिवार्य करने की सलाह दी।
परिवार और सहयोगियों के लिए अनुज की मौत एक गहरा सदमा है। फिलहाल पुलिस मामले की जांच कर रही है और आने वाले दिनों में इससे जुड़े और तथ्य सामने आने की संभावना है।