
आज मानसून सत्र के दौरान भारत सरकार ने लोकसभा में तीन महत्वपूर्ण विधेयक पेश किए हैं, जिनका उद्देश्य राजनीतिक नेतृत्व में जवाबदेही को मजबूत बनाना है। इन विधेयकों के मुख्य प्रावधान निम्नलिखित हैं:
गिरफ्तारी के बाद हटाने का कानूनी ढांचा: इन विधेयकों का लक्ष्य प्रधानमंत्री, केंद्रीय मंत्री, मुख्यमंत्री या राज्य/केंद्र शासित प्रदेशों के मंत्री को हटाने का एक स्पष्ट रणनीतिक और विधिक ढांचा तैयार करना है, यदि वे गंभीर आपराधिक आरोपों में गिरफ्तारी या हिरासत में हों। यह प्रावधान उन मामलों पर लागू होगा जहाँ गिरफ्तारी पाँच वर्ष या उससे अधिक की सजा वाले अपराधों से संबंधित होगी ।
30 दिनों की निरंतर हिरासत पर प्रभाव: विधेयकों के अनुसार, यदि कोई व्यक्ति लगातार 30 दिनों तक ऐसी गंभीर धाराओं में गिरफ्तार या हिरासत में रहता है, तो उन्हें अपने पद से हटाने का प्रावधान रखा गया है। हालांकि हिरासत समाप्त होने के बाद उसे फिर से नियुक्त किया जा सकता है, जिससे कि कानूनी निष्पक्षता बनी रहे ।
मुख्य उद्देश्य: इन विधेयकों का केंद्रीय उद्देश्य राजनीतिक नेतृत्व की जवाबदेही और सार्वजनिक विश्वास को बढ़ाना है, ताकि जिन नेताओं पर गंभीर अपराधों का संदेह हो, वे सत्ता में बने न रह सकें