Site icon Prsd News

प्रधानमंत्री ने व्हीलचेयर में बैठीं Pratika Rawal को स्वयं परोसा भोजन, भावुक बना समारोह

download 12

बुधवार को दिल्ली में आयोजित उस समारोह ने न सिर्फ एक खेल-सफलता का जश्न मनाया, बल्कि एक ऐसे पल को भी सामने लाया जो भावुकता, सम्मान और इंसानियत का प्रतीक बन गया। जब Narendra Modi ने व्हीलचेयर में बैठी Pratika Rawal को स्वयं भोजन परोसा, तब उस सभा की तस्वीर-परिपैली में एक क्लिक ने लोगों के दिलों को छू लिया।

इस आयोजन का मूल उद्देश्य था 2025 में ICC Women’s Cricket World Cup 2025 जीतने वाली भारतीय महिला क्रिकेट टीम का सम्मान। पर उस सामान्य समारोह के पीछे एक असाधारण द्रश्य था — Pratika Rawal, जो टूर्नामेंट के बीच में चोट के कारण व्हीलचेयर पर थीं, जब खाने की थाली लेने में असहजता महसूस कर रही थीं, तो प्रधानमंत्री ने तुरंत कदम बढ़ाया। उन्होंने पूछा, “क्या आप चाहेंगी कि मैं कुछ परोसूं?” और खुद से प्लेट उठाकर उन्हें परोसा।

यह सिर्फ एक शिष्टाचार-कर्म नहीं था, बल्कि एक संदेश था — कि खेल-मंच पर संघर्ष, चोट और बाधाएँ हो सकती हैं, लेकिन उन्हें देखना, उन्हें मानना और उनका मान-सम्मान करना भी हमारा कर्तव्य है। Pratika Rawal ने मुस्कुराते हुए प्रधानमंत्री का धन्यवाद किया और इसे अपनी टीम की विजय और देश के समर्थन की एक व्यक्तिगत अनुभूति बताया।

उक्त समारोह में, टीम बनाम सरकार का औपचारिक स्वरूप तो था ही, लेकिन संवाद-चर्चा और भावनात्मक रूप से भी यह महत्वपूर्ण रहा। कप्तान Harmanpreet Kaur ने 2017 में प्रधानमंत्री से उस वे समय की मुलाकात को याद किया जब टीम ट्रॉफी के साथ नहीं मिल पाई थी — “आज उस नहीं-मिलने के समय को याद कर हम गर्व से कह सकते हैं कि आज हम चैंपियन ट्रॉफी लेकर आए हैं।”

इस पूरे आयोजन ने यह भी दर्शाया कि महिला-क्रिकेट सिर्फ जीत-हार का विषय नहीं रहा बल्कि सामाजिक प्रतीक के रूप में भी उभरा है — चोट के बाद भी उपस्थित रहना, व्हीलचेयर से झुककर भाग लेना, मुस्कुराहट बनाये रखना, और सम्मान-मंच पर आना, ये सभी तस्वीरें युवा-पढ़ने-लिखने वालों को प्रेरणा देती हैं। प्रधानमंत्री ने टीम को संबोधित करते हुये कहा, “आपने बहुत बड़ी काम किया है। भारत में क्रिकेट सिर्फ खेल नहीं रहा है, यह लोगों की ज़िंदगी का हिस्सा बन गया है…”

समारोह के हल्के-फुल्के पल भी रहा — भारत-की टीम ने मोदी जी को ‘NaMo’ लिखी हुई जर्सी भेंट की, बातचीत में हँसी-मजाक भी हुआ, जैसे एक खिलाड़ी ने प्रधानमंत्री से उनका स्किनकेयर रूटीन पूछ लिया।

इस छवि-मंच का भविष्य-परिप्रेक्ष्य भी महत्वपूर्ण है। यह संकेत देता है कि खेल में सफलता के बाद सम्मान-मंच सिर्फ ट्रॉफी तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि उस टीम-सदस्य तक पहुचेगा जिसने चोट, चुनौती और कठिनाई को पीछे छोड़ कर खड़ा होना तय किया। और जब देश का प्रधानमंत्री उस सदस्य के सामने झुक कर मान-सम्मान दिखाता है, तो यह सामाजिक समावेशन, प्रेरणा-स्रोत और नेतृत्व-भाव का संदेश भी बन जाता है।

अंत में, यह क्षण याद दिलाता है कि विजय-उत्सव में सिर्फ जीत का जश्न नहीं बल्कि उस कलाकार, उस खिलाड़ी, उस इंसान की कहानी भी शामिल होती है जिसने कठिनाइयों से जूझा। Pratika Rawal के व्हीलचेयर-साथ मौजूदगी ने इसे और भी गूढ़ बना दिया है — और प्रधानमंत्री का सर्व करना उस मान-सम्मान का प्रतीक रहा, जिसे शब्दों से बयां करना आसान नहीं।

Exit mobile version