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“पाकिस्तान को संदेश भेजना क्या देशद्रोह है?” ऑपरेशन सिंदूर पर राहुल गांधी का हमला, विदेश मंत्रालय ने दिया करारा जवाब

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📰 विस्तृत खबर (हिंदी में):

ऑपरेशन सिंदूर को लेकर देश में राजनीतिक और कूटनीतिक बहस छिड़ गई है। इस बार विवाद की जड़ बने हैं कांग्रेस नेता राहुल गांधी और विदेश मंत्री एस. जयशंकर

राहुल गांधी ने जयशंकर के एक बयान पर तीखा हमला करते हुए कहा है कि भारत सरकार ने ऑपरेशन सिंदूर से पहले पाकिस्तान को संदेश भेजा, जो कि “गंभीर अपराध” है। उन्होंने सवाल उठाया कि “क्या ये पाकिस्तान का समर्थन करना नहीं है?”


🗣️ राहुल गांधी का आरोप:

राहुल गांधी ने सोशल मीडिया और प्रेस कॉन्फ्रेंस में आरोप लगाते हुए कहा:

“अगर भारत ने सैन्य अभियान से पहले पाकिस्तान को कोई संदेश भेजा है, तो यह राष्ट्रविरोधी कृत्य है। इस तरह की रणनीतिक जानकारी एक दुश्मन देश के साथ क्यों साझा की गई?”

उन्होंने पूछा कि:

राहुल गांधी ने विदेश मंत्री पर “राष्ट्रीय सुरक्षा के साथ खिलवाड़” करने का गंभीर आरोप लगाया।


🛡️ विदेश मंत्रालय की सफाई:

राहुल गांधी के आरोपों के तुरंत बाद विदेश मंत्रालय (MEA) ने तत्काल सफाई दी। MEA के प्रवक्ता ने कहा:

“राहुल गांधी द्वारा किया गया दावा तथ्यों की पूरी तरह से गलत व्याख्या है। एस. जयशंकर ने कभी यह नहीं कहा कि पाकिस्तान को ऑपरेशन से पहले संदेश भेजा गया था। उन्होंने कहा था कि ऑपरेशन के प्रारंभिक चरण में, राजनयिक माध्यमों से सूचनाएं साझा की गईं — जो एक सामान्य प्रक्रिया है।”

मंत्रालय ने यह भी स्पष्ट किया कि:


📹 वायरल वीडियो का सच

राहुल गांधी ने जिस वीडियो को आधार बनाकर यह आरोप लगाया, उसमें विदेश मंत्री एस. जयशंकर एक इंटरव्यू में कह रहे हैं कि “हमने पाकिस्तान को संदेश दिया…”। हालांकि, वीडियो में पूरी बातचीत को संपादित कर दिखाया गया, जिससे भ्रम की स्थिति बनी।

विदेश मंत्रालय ने कहा कि वीडियो को संदर्भ से काटकर पेश किया गया है, जिससे गलतफहमी और गलत सूचना फैल रही है।


⚖️ राजनीति गरमाई

इस बयानबाज़ी ने विपक्ष और सत्ता पक्ष के बीच टकराव को और बढ़ा दिया है:


🔍 ऑपरेशन सिंदूर क्या है?

ऑपरेशन सिंदूर भारत द्वारा हाल ही में किए गए एक सीमित सैन्य अभियान का कोडनेम है, जिसमें सीमा पार स्थित आतंकी ठिकानों को टारगेट किया गया था। सरकार का दावा है कि यह ऑपरेशन पूरी तरह सफल रहा और इसमें भारतीय सैनिकों को कोई नुकसान नहीं हुआ।


🧭 निष्कर्ष:

राहुल गांधी और विदेश मंत्री एस. जयशंकर के बीच बढ़ती बयानबाज़ी ने इस संवेदनशील मुद्दे को और गहरा बना दिया है। जहां एक ओर सरकार का कहना है कि सब कुछ राजनयिक और सामरिक प्रोटोकॉल के तहत हुआ, वहीं कांग्रेस इसे राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा गंभीर उल्लंघन बता रही है।

आने वाले दिनों में यह साफ हो सकता है कि यह महज़ राजनीतिक बयानबाज़ी है या वाकई में कोई नीति से जुड़ी चूक।

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