
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने 6 जून 2025 को रेपो रेट में 50 बेसिस प्वाइंट्स की कटौती की घोषणा की है, जिससे होम लोन की ब्याज दरों में कमी आएगी और मासिक किस्तों (EMI) में राहत मिलेगी। यह कदम आर्थिक विकास को प्रोत्साहित करने और महंगाई पर काबू पाने के उद्देश्य से उठाया गया है।
🏠 ₹20 लाख, ₹30 लाख और ₹50 लाख के होम लोन पर EMI में कितनी कमी आएगी?
नीचे विभिन्न लोन राशियों पर ब्याज दर में 0.5% की कमी (8.5% से 8.0% तक) के प्रभाव का विवरण दिया गया है:
लोन राशि | EMI (8.5%) | EMI (8.0%) | मासिक बचत | कुल ब्याज बचत (20 वर्ष) |
---|---|---|---|---|
₹20 लाख | ₹17,480 | ₹16,780 | ₹700 | ₹1.68 लाख |
₹30 लाख | ₹26,247 | ₹25,071 | ₹1,176 | ₹2.82 लाख |
₹50 लाख | ₹43,745 | ₹41,785 | ₹1,960 | ₹4.70 लाख |
उपरोक्त आंकड़े मानते हैं कि बैंक पूरी दर कटौती का लाभ ग्राहकों को देते हैं।bankbazaar.com+1economictimes.indiatimes.com+1
💡 EMI कम करने या लोन अवधि घटाने का विकल्प
- EMI कम करना: यदि आप मासिक EMI में कमी चाहते हैं, तो आपके EMI में उपरोक्त अनुसार कमी आएगी।
- लोन अवधि घटाना: यदि आप अपनी EMI अपरिवर्तित रखना चाहते हैं, तो लोन की अवधि कम हो जाएगी, जिससे कुल ब्याज भुगतान में कमी आएगी। उदाहरण के लिए, ₹50 लाख के लोन पर 0.5% की दर कटौती से लोन अवधि लगभग 18 महीने कम हो सकती है, जिससे ₹8 लाख तक की ब्याज बचत हो सकती है ।bankbazaar.com
✅ क्या करें?
- बैंक से संपर्क करें: अपने बैंक से संपर्क करके यह सुनिश्चित करें कि वे दर कटौती का लाभ दे रहे हैं या नहीं।
- लोन पुनः संरचना (Re-structuring): यदि आप लोन की अवधि कम करना चाहते हैं, तो बैंक से पुनः संरचना के विकल्प के बारे में पूछें।
- आंशिक प्रीपेमेंट (Partial Prepayment): यदि संभव हो, तो आंशिक प्रीपेमेंट करके लोन की मुख्य राशि कम करें, जिससे ब्याज भुगतान में और कमी आएगी।