
उत्तर प्रदेश में योगी सरकार की “जीरो टॉलरेंस नीति” के तहत माफियाओं के खिलाफ प्रशासन की सख्ती लगातार जारी है। इसी कड़ी में लखनऊ में जिला प्रशासन और पुलिस ने संयुक्त रूप से बड़ी कार्रवाई करते हुए कुख्यात माफिया चंगुर के भतीजे सबरोज के अवैध निर्माण को बुलडोजर चलाकर जमींदोज कर दिया।
प्रशासन को मिली जानकारी के अनुसार, सबरोज का यह ठिकाना न केवल अवैध रूप से सरकारी जमीन पर बनाया गया था, बल्कि यह स्थान आपराधिक गतिविधियों का अड्डा भी बन चुका था। यहां से माफिया गिरोहों के बीच साजिशें रची जाती थीं, अवैध उगाही, ज़मीन कब्जाने, और धमकियों जैसे मामलों की योजना बनाई जाती थी।
कार्यवाही सुबह कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच शुरू की गई। भारी संख्या में पुलिस बल, पीएसी और प्रशासनिक अधिकारी मौके पर तैनात रहे ताकि किसी प्रकार का विरोध या उपद्रव न हो सके। बुलडोजर की गर्जना के साथ जैसे ही निर्माण गिराया गया, क्षेत्र के लोगों में यह संदेश गया कि सरकार अब किसी भी अपराधी या माफिया को बख्शने के मूड में नहीं है।
प्रशासन ने बताया कि यह कार्रवाई चंगुर और उसके परिवार के खिलाफ दर्ज दर्जनों मामलों के आधार पर की गई है। चंगुर खुद एक लंबे समय से वांछित अपराधी रहा है, जिसके खिलाफ हत्या, रंगदारी, अवैध कब्जा और संपत्ति विवाद जैसे गंभीर धाराओं में केस दर्ज हैं। वहीं उसका भतीजा सबरोज भी उसके काले कारोबार को आगे बढ़ा रहा था।
स्थानीय लोगों ने भी प्रशासन की इस कार्रवाई का समर्थन किया और कहा कि लंबे समय से इस क्षेत्र में माफिया का बोलबाला था। आम लोग डरे-सहमे रहते थे, और जमीन विवादों में उलझना आम बात थी। अब प्रशासन द्वारा ऐसे अवैध निर्माण और अपराधियों के अड्डों को खत्म करना न केवल कानून व्यवस्था की दिशा में सही कदम है, बल्कि आम जनता के मन में सुरक्षा की भावना भी पैदा कर रहा है।
प्रशासन ने यह भी स्पष्ट किया कि चंगुर गैंग से जुड़े अन्य सदस्यों की भी पहचान की जा रही है और उनके खिलाफ भी कड़ी कार्रवाई की जाएगी। अवैध संपत्तियों की सूची तैयार की जा रही है और आवश्यकता पड़ने पर उनकी कुर्की और ध्वस्तीकरण की कार्यवाही भी की जाएगी।
यह पूरी घटना एक बार फिर इस बात को दर्शाती है कि उत्तर प्रदेश में अपराधियों के खिलाफ सरकार की नीति स्पष्ट है—या तो कानून का पालन करो या फिर नतीजे भुगतो।