
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद ने हाल ही में एक बयान में कहा कि पाकिस्तान ने भारत के ऑपरेशन सिंधूर के बाद भारी नुकसान उठाने के बाद सीजफायर (युद्धविराम) का प्रस्ताव दिया था। उनका मानना है कि पाकिस्तान की सेना ने भारतीय सेना की जवाबी कार्रवाई के कारण अपनी स्थिति कमजोर पाई, जिससे उसने युद्धविराम की मांग की।
खुर्शीद ने कहा, “पाकिस्तान ने अपनी सेना की भारी हताहतों के बाद सीजफायर का प्रस्ताव किया। यह दर्शाता है कि भारतीय सेना की रणनीति प्रभावी रही और पाकिस्तान को अपनी स्थिति पर पुनर्विचार करना पड़ा।”
उन्होंने यह भी जोड़ा कि युद्धविराम से पहले पाकिस्तान ने जम्मू और कश्मीर के पुंछ सेक्टर में संघर्षविराम का उल्लंघन किया था, जिसमें भारतीय सेना के दो जवान शहीद हो गए थे। इस घटना के बाद भारतीय सेना ने प्रभावी जवाबी कार्रवाई की, जिससे पाकिस्तान को भारी नुकसान हुआ।
खुर्शीद ने सरकार से आग्रह किया कि वह पाकिस्तान के साथ शांति वार्ता के लिए ठोस कदम उठाए, ताकि क्षेत्रीय स्थिरता सुनिश्चित की जा सके। उन्होंने यह भी कहा कि युद्धविराम केवल एक शुरुआत है; दीर्घकालिक शांति के लिए दोनों देशों को गंभीर वार्ता की आवश्यकता है।
इस बीच, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने युद्धविराम की घोषणा की और इसे “ऐतिहासिक जीत” बताया। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान की सेना ने भारतीय हमलों का मजबूती से सामना किया और देश की रक्षा की।
भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी युद्धविराम का स्वागत किया, लेकिन साथ ही यह स्पष्ट किया कि भारत की प्राथमिकता आतंकवाद और पाकिस्तान-प्रशासित कश्मीर जैसे मुद्दों पर होगी।
विश्लेषकों का मानना है कि यह युद्धविराम दोनों देशों के लिए एक अवसर है, लेकिन दीर्घकालिक शांति के लिए पारदर्शी और गंभीर वार्ता आवश्यक होगी।