
एशिया कप 2025 का फाइनल मुकाबला भारत और पाकिस्तान के बीच खेला गया, जिसमें भारत ने पाकिस्तान को हराकर एक बार फिर खिताब अपने नाम किया। इस हाई-वोल्टेज मैच के बाद खेल से ज्यादा चर्चा में रहा पाकिस्तान के कप्तान सलमान अली आगा का विवादित बयान, जिसने सोशल मीडिया और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विवाद खड़ा कर दिया है।
मैच हारने के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान सलमान अली आगा ने भारतीय टीम पर खेल भावना के उल्लंघन का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि मैच खत्म होने के बाद भारतीय खिलाड़ियों ने पाकिस्तानी खिलाड़ियों से हाथ नहीं मिलाया, जो कि क्रिकेट की परंपरा और भावना के खिलाफ है। हालांकि, इस बात की पुष्टि किसी आधिकारिक स्रोत से नहीं हुई।
सबसे बड़ा विवाद तब शुरू हुआ जब उन्होंने यह घोषणा की कि पाकिस्तानी टीम अपनी पूरी मैच फीस उन लोगों के परिवारों को दान करेगी, जो भारत की कथित “हवाई कार्रवाई” में मारे गए थे। उन्होंने इन लोगों को “शहीद” बताया, जबकि अंतरराष्ट्रीय मीडिया रिपोर्ट्स और भारतीय सुरक्षा एजेंसियों के अनुसार, ये लोग आतंकवादी संगठनों जैसे जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े हुए थे।
सलमान अली आगा ने यह भी कहा कि ये लोग आम नागरिक नहीं थे, बल्कि वे लोग थे जो भारत के खिलाफ लड़ाई में शामिल थे। उन्होंने दावा किया कि भारतीय हमले में जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर के करीबी भी मारे गए हैं। उन्होंने यह बयान एक “राष्ट्रीय कर्तव्य” के रूप में पेश किया और इसे एक “इंसानी मदद” करार दिया।
इस बयान के सामने आते ही पाकिस्तान और भारत दोनों देशों में मीडिया और सोशल मीडिया पर तीखी प्रतिक्रिया देखने को मिली। भारत में इस बयान को आतंकवाद के समर्थन के रूप में देखा जा रहा है, जबकि पाकिस्तान में भी कई लोग इसे क्रिकेट जैसे खेल को राजनीति और आतंकवाद से जोड़ने की गलत कोशिश बता रहे हैं।
इस बयान के बाद अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (ICC) और एशियन क्रिकेट काउंसिल (ACC) पर भी दबाव बढ़ गया है कि वे इस पर आधिकारिक प्रतिक्रिया दें, क्योंकि यह क्रिकेट के मूल सिद्धांतों के खिलाफ जाता है।