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कांग्रेस विधायक सतीश सैल के खिलाफ ED का बड़ा छापा: करोड़ों की नकदी-गोल्ड जब्त

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प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने कर्नाटक के करवार विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस विधायक सतीश कृष्णा सैल और उनसे जुड़े ठिकानों पर शुक्रवार को बड़े पैमाने पर छापेमारी की। यह कार्रवाई अवैध लौह अयस्क निर्यात और धनशोधन (मनी लॉन्ड्रिंग) से जुड़े एक पुराने मामले में की गई।

जांच एजेंसी ने कर्नाटक, गोवा, मुंबई और नई दिल्ली में एक साथ तलाशी अभियान चलाया। जिन स्थानों पर छापेमारी की गई, उनमें विधायक का आवास, उनसे जुड़ी कंपनियों के दफ्तर, गोदाम और बैंक लॉकर शामिल थे।

अधिकारियों के अनुसार, इस कार्रवाई में ED ने कुल 6.75 किलो सोना (जिसमें जेवर और गोल्ड बिस्कुट शामिल हैं) जब्त किया। इसके अलावा ₹1.41 करोड़ नकद विधायक के घर से और ₹27 लाख नकद उनकी एक कंपनी के कार्यालय से बरामद हुए। जांच एजेंसी ने विधायक और उनके सहयोगियों के बैंक खातों में जमा ₹14.13 करोड़ की राशि को भी फ्रीज कर दिया।

यह मामला 2010 में कर्नाटक के बेलकेरी पोर्ट से जुड़े एक बड़े अवैध लौह अयस्क निर्यात घोटाले से संबंधित है। आरोप है कि लगभग ₹86.78 करोड़ मूल्य का लौह अयस्क, जिसे वन विभाग ने जब्त किया था, बाद में गैरकानूनी तरीके से निर्यात कर दिया गया। माना जाता है कि इस निर्यात में कई कंपनियां और कारोबारी शामिल थे, और ED का मानना है कि सतीश सैल की कंपनियों की भी इसमें अहम भूमिका थी।

ED ने इस मामले में धनशोधन रोकथाम अधिनियम (PMLA) के तहत जांच शुरू की है। एजेंसी का कहना है कि इस अवैध निर्यात से हुई कमाई को वैध दिखाने के लिए विभिन्न खातों और कंपनियों के जरिए लेन-देन किया गया। छापेमारी के दौरान मिले दस्तावेज़ और डिजिटल डिवाइस की जांच की जा रही है, ताकि पैसों के स्रोत और उसके इस्तेमाल की पूरी जानकारी जुटाई जा सके।

सतीश सैल पहले जनता दल (सेक्युलर) में थे और बाद में कांग्रेस में शामिल हुए। करवार से वे वर्तमान में विधायक हैं। इस मामले में अभी तक उनकी ओर से कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन राजनीतिक हलकों में यह कार्रवाई बड़े विवाद का कारण बन गई है।

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