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सऊदी अरब बस हादसा: हैदराबाद के एक ही परिवार के 18 सदस्यों की दर्दनाक मौत, उमरा से लौटते समय भीषण आग में झुलसे

HYDERDABAD NEWS

सऊदी अरब में रविवार देर रात एक भयावह सड़क हादसे ने भारत के तेलंगाना राज्य को गहरे शोक में डुबो दिया। मक्का से मदीना लौट रही एक बस जब तेज़ रफ्तार डीज़ल टैंकर से भिड़ गई, तो टक्कर के कुछ ही क्षण बाद वाहन में भीषण आग लग गई। इस दर्दनाक घटना में हैदराबाद के एक ही परिवार के 18 लोगों की मौत हो गई, जिसने पूरे क्षेत्र में मातम का माहौल पैदा कर दिया।

बताया जा रहा है कि यह परिवार उमरा यात्रा पूरी करके मदीना जा रहा था। बस में मौजूद सभी लोग आपस में रिश्तेदार थे और उनमें तीन पीढ़ियाँ शामिल थीं—बुजुर्ग, वयस्क, युवा और बच्चे। हादसा इतना भयंकर था कि अधिकांश शव पहचान योग्य हालत में भी नहीं मिले। हादसे के बाद सऊदी आपातकालीन टीमों ने तुरंत राहत कार्य शुरू किया, लेकिन आग की तीव्रता इतनी अधिक थी कि अधिकतर यात्रियों को बचाया नहीं जा सका।

हैदराबाद स्थित परिवार के रिश्तेदारों का कहना है कि यह यात्रा काफी समय से प्लान की गई थी और पूरा परिवार एक साथ उमरा करने गया था। किसी ने कल्पना भी नहीं की थी कि यह धार्मिक यात्रा उनके लिए अंतिम साबित होगी। खबर मिलते ही हैदराबाद में परिजन और स्थानीय लोग सदमे में हैं और घर पर सन्नाटा पसरा हुआ है।

तेलंगाना सरकार ने घटना को अत्यंत दुखद बताते हुए मृतकों के परिजनों के लिए 5-5 लाख रुपये के मुआवजे की घोषणा की है। राज्य सरकार ने विदेश मंत्रालय के साथ मिलकर शवों को स्वदेश लाने की प्रक्रिया में तेजी लाने के निर्देश दिए हैं।

भारत का दूतावास (इंडियन एम्बेसी) भी सक्रिय है। जेद्दा और रियाद में 24×7 हेल्पलाइन कंट्रोल रूम सक्रिय किए गए हैं ताकि प्रभावित परिवारों को हर संभव सहायता मिल सके। सरकार ने यह भी बताया है कि घायलों का उपचार सऊदी अस्पतालों में कराया जा रहा है और आवश्यक medical तथा legal औपचारिकताएँ जल्द पूरी की जाएंगी।

यह हादसा न सिर्फ एक परिवार के लिए अपूरणीय क्षति लेकर आया है, बल्कि यह मध्य-पूर्व में बस सुरक्षा, तीर्थयात्रा के दौरान वाहनों की जांच, और भारी वाहनों से जुड़े जोखिमों पर भी गंभीर प्रश्न खड़े करता है। कई विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसी यात्राओं के दौरान सुरक्षा मानकों पर और कड़ी निगरानी की आवश्यकता है, ताकि भविष्य में इस प्रकार की त्रासदियों को रोका जा सके।

इस घटना ने पूरे भारत, खासकर तेलंगाना को शोक की लहर में डुबो दिया है, क्योंकि एक ही परिवार के 18 रिश्तेदारों का एक साथ चले जाना अत्यंत पीड़ादायक और हृदयविदारक है।

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