
22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पर्यटन स्थल पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 लोगों की मौत हो गई और कई घायल हुए। मरने वालों में ज़्यादातर पर्यटक थे, और यह हमला लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े संगठन ‘द रेजिस्टेंस फ्रंट’ ने अंजाम दिया।
इस हमले के बाद देशभर में शोक और आक्रोश की लहर दौड़ गई। वहीं राजनीतिक प्रतिक्रियाएं भी तेज़ हो गईं।
🗣️ शरद पवार का बयान:
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के प्रमुख शरद पवार ने हमले के बाद मीडिया से कहा:
“आतंकवाद का कोई धर्म नहीं होता। बार-बार धर्म के नाम पर इस तरह के मामलों को जोड़ा जाना उचित नहीं है।”
उनका इशारा इस बात पर था कि कुछ नेता इस हमले को धार्मिक पहचान से जोड़ रहे हैं, जो उन्होंने अस्वीकार किया।
🗨️ देवेंद्र फडणवीस का पलटवार:
महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने पवार के बयान पर कड़ा ऐतराज़ जताया:
“जब आतंकवादी एक विशेष धर्म को निशाना बनाते हैं, तब यह कहना कि धर्म की कोई भूमिका नहीं है, गुमराह करने वाला है। यह राष्ट्रीय सुरक्षा का सवाल है।”
उन्होंने कहा कि इस तरह के बयान आतंक के खिलाफ भारत की लड़ाई को कमज़ोर करते हैं और इससे केवल राजनीतिक ध्रुवीकरण होता है।
🧩 राजनीतिक असर:
इस बयानबाज़ी के बाद महाराष्ट्र की राजनीति गर्म हो गई है।
- NCP समर्थक पवार के बयान को धर्मनिरपेक्षता की आवाज़ बता रहे हैं।
- वहीं BJP समर्थक फडणवीस की प्रतिक्रिया को सच्चाई पर आधारित और सख्त रुख कह रहे हैं।
यह मामला अब सिर्फ आतंकवाद से लड़ाई तक सीमित नहीं रहा, बल्कि यह राजनीतिक विमर्श और चुनावी रणनीति का हिस्सा बनता दिख रहा है।
