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पार्टी को मेरी जरूरत नहीं तो मेरे पास विकल्प मौजूद हैं

सम्पूर्ण और सटीक समाचार (विस्तारपूर्वक):

कांग्रेस नेता शशि थरूर ने सोमवार (19 मई 2025) को उस विवाद पर प्रतिक्रिया दी जिसमें उन्हें ऑल पार्टी डेलीगेशन (सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल) का हिस्सा बनाए जाने पर कांग्रेस पार्टी ने आपत्ति जताई थी। थरूर ने साफ शब्दों में कहा, “मैं इस मामले में शामिल नहीं होऊंगा। अगर पार्टी को मेरी सेवाओं की आवश्यकता नहीं है, तो मेरे पास और भी विकल्प हैं।”

दरअसल, मामला यह है कि श्रीनगर में G20 बैठक के बाद जिस सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल का गठन हुआ है, उसमें शशि थरूर को भी शामिल किया गया। कांग्रेस के कुछ वरिष्ठ नेताओं ने इस पर आपत्ति जताई और पार्टी की ओर से उनके चयन को लेकर असहमति जताई गई। थरूर का यह बयान इसी संदर्भ में आया है।

थरूर ने आगे कहा कि वे हमेशा पार्टी के अनुशासन का पालन करते आए हैं, लेकिन यदि पार्टी उन्हें लगातार दरकिनार करती है, तो उन्हें यह सोचने पर मजबूर होना पड़ेगा कि वे अपनी ऊर्जा और अनुभव का उपयोग कहाँ करें।

मुख्य बिंदु:

  • कांग्रेस ने शशि थरूर के सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल में शामिल होने पर आपत्ति जताई।
  • थरूर ने कहा – “अगर पार्टी मेरी सेवाओं को नहीं चाहती, तो मेरे पास अन्य विकल्प हैं।”
  • उन्होंने स्पष्ट किया कि वे स्वेच्छा से विवाद से दूर रहेंगे और पार्टी के हित में काम करने को तैयार हैं।
  • यह बयान कांग्रेस के भीतर असंतोष और आंतरिक संवाद की कमी को उजागर करता है।

निष्कर्ष:
शशि थरूर का यह रुख कांग्रेस नेतृत्व के लिए एक चेतावनी के रूप में देखा जा रहा है कि पार्टी को अपने वरिष्ठ, लोकप्रिय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिष्ठित नेताओं के योगदान को हल्के में नहीं लेना चाहिए। इस घटनाक्रम ने यह भी दिखाया है कि कांग्रेस के भीतर संवाद और समन्वय की आवश्यकता कितनी अधिक है, विशेषकर 2024 के चुनावी नतीजों के बाद की चुनौतियों के दौर में।

यदि आप चाहें तो मैं इस पर राजनीतिक विश्लेषण या थरूर की भूमिका पर भी विस्तार से जानकारी दे सकता हूँ।

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