
कांग्रेस नेता शशि थरूर ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के उस दावे को नकारा है जिसमें उन्होंने कहा था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कश्मीर मुद्दे पर मध्यस्थता के लिए उनसे संपर्क किया था। थरूर ने इसे “असंभव” और “गलतफहमी” करार दिया, यह बताते हुए कि भारत की नीति स्पष्ट है कि कश्मीर एक द्विपक्षीय मुद्दा है और इसमें किसी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता की कोई आवश्यकता नहीं है।
वाशिंगटन डीसी में एक भारतीय संसदीय प्रतिनिधिमंडल से बातचीत के दौरान थरूर ने कहा, “हम पाकिस्तान से तब तक बात नहीं करेंगे जब तक हमारी गर्दन पर बंदूक नहीं रखी जाएगी।” उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि भारत आतंकवाद के मुद्दे पर पाकिस्तान से बातचीत करेगा, लेकिन यह बातचीत बिना किसी दबाव के होगी।
थरूर ने यह भी बताया कि अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस ने यह समझा कि भारत और पाकिस्तान के बीच मध्यस्थता असंभव है, क्योंकि यह दोनों देशों के बीच असमानता को बराबरी में बदलने जैसा होगा।