कानपुर में एक बहुत चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहाँ एक रिटायर्ड सरकारी अफसर से सिम स्वैप फ्रॉड के जरिए 42 लाख रुपये ठग लिए गए। अफसर सिर्फ अपने मोबाइल में रिचार्ज या खराबी दिखाने एक दुकान पर गए थे, लेकिन वहां कुछ ऐसा हुआ जिसकी उन्हें उम्मीद भी नहीं थी।
क्या हुआ था?
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रिटायर्ड अफसर अपने फोन में समस्या लेकर एक मोबाइल शॉप पर पहुंचे।
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दुकान के मालिक ने फोन लेकर सिम निकाल लिया और चुपचाप उसे अपने फोन में डाल दिया।
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जब तक अफसर को कुछ समझ आता, दुकानदार ने उनके बैंक अकाउंट से 42 लाख रुपये निकाल लिए।
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फिर सिम वापस उनके फोन में डालकर मोबाइल लौटा दिया, जैसे कुछ हुआ ही न हो।
पुलिस ने क्या किया?
घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस ने जांच शुरू की और मोबाइल दुकान के मालिक को गिरफ्तार कर लिया गया। आरोपी के खिलाफ साइबर क्राइम के तहत मामला दर्ज किया गया है।
क्या होता है सिम स्वैप फ्रॉड?
इस तरह की ठगी को सिम स्वैप फ्रॉड कहते हैं। इसमें ठग किसी का सिम कार्ड चुपके से निकाल लेते हैं और उसे अपने फोन में डालकर बैंक से जुड़े सारे OTP, अलर्ट और मैसेज हासिल कर लेते हैं। इसके बाद वो आसानी से अकाउंट से पैसे निकाल लेते हैं।
ऐसे फ्रॉड से कैसे बचें?
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अपना मोबाइल किसी अनजान दुकानदार को देने से पहले सावधान रहें।
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OTP, बैंक डिटेल्स या पर्सनल जानकारी कभी किसी के साथ शेयर न करें।
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फोन में कोई अचानक नेटवर्क चला जाए या सिग्नल न आए, तो तुरंत मोबाइल कंपनी और बैंक को जानकारी दें।
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अपने मोबाइल और बैंक अकाउंट में 2‑स्टेप वेरिफिकेशन लगाएं।
यह घटना एक बड़ा सबक है कि आज के समय में तकनीक से जुड़ी धोखाधड़ी कितनी खतरनाक हो सकती है। थोड़ी सी लापरवाही बड़ी आर्थिक चपत में बदल सकती है।