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NSA के तहत गिरफ्तार: सोनम वांगचुक को जोधपुर जेल में किया शिफ्ट

ladakh protests turn violent

लद्दाख में राज्यhood और संवैधानिक सुरक्षा की मांग को लेकर हुए हिंसक विरोध प्रदर्शन के बाद, प्रसिद्ध पर्यावरण व शिक्षा कार्यकर्ता सोनम वांगचुक को शुक्रवार को NSA (National Security Act) के तहत गिरफ्तार कर जोधपुर जेल स्थानांतरित किया गया।

प्रशासन के आदेशों के अनुसार, लेह में सुरक्षा कारणों से मोबाइल इंटरनेट बंद कर दिया गया है। 
गिरफ्तारी की प्रक्रिया पूरी होने के बाद उन्हें स्पेशल फ़्लाइट से जोधपुर लाया गया और उच्च सुरक्षा वार्ड में रखा गया। 
उनकी मेडिकल जांच हो चुकी है और जेल के अंदर 24 घंटे CCTV निगरानी तथा निगरानी व्यवस्था लागू कर दी गई है।

वांगचुक पर यह आरोप है कि उन्होंने अपने भाषणों और आंदोलन के दौरान “उत्तेजक बयानों” के माध्यम से लोगों को भड़काया। 
हालाँकि, उन्होंने इन आरोपों को पूरी तरह से खारिज किया है और कहा है कि उनकी गिरफ्तारी एक “scapegoat tactic” यानी लोगों का ध्यान मुद्दे से हटाने की रणनीति है।

विरोध प्रदर्शन के दौरान कम-से-कम चार व्यक्ति मारे गए और लगभग 90 लोग घायल हुए थे। 
प्रदर्शनकारियों की मांग थी कि लद्दाख को पूर्ण राज्य का दर्जा मिले और उसे संविधान की छठी अनुसूची (Sixth Schedule) में शामिल किया जाए, ताकि स्थानीय समुदायों को अतिरिक्त संवैधानिक सुरक्षा मिल सके।

भारत सरकार ने वांगचुक की NGO, SECMOL (Students’ Educational and Cultural Movement of Ladakh) का FCRA लाइसेंस रद्द कर दिया है।

बताया जा रहा है कि अगले हफ़्ते 6 अक्टूबर को लद्दाख प्रतिनिधियों और केंद्र सरकार के बीच फिर वार्ता होगी। 
वांगचुक की गिरफ्तारी इस आंदोलन को और संवेदनशील बना सकती है क्योंकि उनकी भूमिका आंदोलन में प्रमुख रही है।

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