
टैरिफ विवाद और H‑1B वीजा में बदलाव के बीच पीएम मोदी का ट्रम्प को सीधा मैसेज
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुजरात के भावनगर में आयोजित ‘समुद्र से समृद्धि’ कार्यक्रम के दौरान देश के आर्थिक विकास और आत्मनिर्भरता (self‑reliance) को लेकर एक महत्वपूर्ण संदेश दिया। उन्होंने कहा कि भारत का सबसे बड़ा दुश्मन विदेशों पर हमारी निर्भरता है, ना कि कोई बाहरी दुश्मन। उन्होंने जोर देकर कहा कि अगर इस निर्भरता को समाप्त न किया गया तो यह देश की आत्म‑सम्मान और आने वाली पीढ़ियों के भविष्य को प्रभावित करेगा।
इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री ने 34,200 करोड़ रुपये से अधिक की कई विकास परियोजनाएँ उद्घाटन और शिलान्यास कीं। इनमें से गुजरात राज्य की 26,354 करोड़ रुपये की योजनाएँ विशेष रूप से शामिल थीं।
गुजरात के लिए घोषित प्रमुख परियोजनाएँ
छारा पोर्ट पर HPLNG री‑गैसिफिकेशन टर्मिनल
गुजरात IOCL रिफाइनरी में Acrylics & Oxo Alcohol प्रोजेक्ट
600 मेगावाट की “ग्रीन शू” पहल (Green Shoe Initiative)
PM‑KUSUM योजना के अंतर्गत 475 मेगावाट सोलर फीडर
45 मेगावाट बादेली (Badeli) सोलर प्रोजेक्ट
कच्छ के धोरडो गाँव को पूरी तरह सौर ऊर्जा से संचालित गाँव बनाने की योजना
भावनगर और जामनगर के सरकारी अस्पतालों का विस्तार
70 किलोमीटर राष्ट्रीय राजमार्ग का चार लेन में उन्नयन (highway widening)
आत्मनिर्भर भारत और विदेश नीति का संदेश
पीएम मोदी ने कहा कि भारत अब विश्वबंधु राष्ट्रों के साथ संबंधों को आगे बढ़ा रहा है, लेकिन वह इस बात पर भी बल दे रहे हैं कि देश की रक्षा, ऊर्जा, स्वास्थ्य, पोर्ट एवं आधारभूत संरचना क्षेत्र में आत्मनिर्भरता ही असली ताकत है।
उन्होंने यह संकेत भी दिया कि वर्तमान टैरिफ विवाद (tariffs) और H‑1B वीज़ा से जुड़े मुद्दे, विशेषकर अमेरिका‑भारत के बीच, से भी यह स्पष्ट है कि विदेशों पर निर्भरता कितना जोखिम बढ़ाती है। पीएम मोदी ने उम्मीद जताई कि इससे भारत को यह समझने में मदद मिलेगी कि हमें आत्मनिर्भर बनने के लिए कौन‑से कदम उठाने होंगे।



