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दिल्ली-NCR में सुप्रीम कोर्ट का आदेश: स्टेरिलाइज और वैक्सीनेट किए गए कुत्तों को वापस छोड़ा जाए—रेबीज या आक्रामक कुत्तों को अलग रखा जाए

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सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली-NCR में आवारा कुत्तों को लेकर एक अहम आदेश पारित किया है। अब कुत्तों को पकड़कर नसबंदी (sterilization), कीड़े निकालना (deworming) और वैक्सीनेशन करने के बाद ही वापस उसी इलाके में छोड़ा जाएगा। हालांकि, यदि किसी कुत्ते में रेबीज (rabies) या खतरनाक आक्रामक व्यवहार (aggressive behavior) के स्पष्ट लक्षण हैं, तो उसे अलग रखा जाएगा और उसे आश्रय में रखा जाएगा।

देश की सर्वोच्च अदालत ने यह फैसला व्यापक जनहित और पशु कल्याण समूहों की मांग पर सुनकर संशोधित रूप में लागू किया गया है। अब इसे स्ट्रे एंड कंट्रोल (ABC) नियमों के अनुरूप राष्ट्रीय स्तर पर लागू करने की जिम्मेदारी दी गई है।

सुप्रीम कोर्ट ने पांच मुख्य निर्देश जारी किए हैं:

  1. नसबंदी, वैक्सीनेशन और डीवर्मिंग के बाद ही कुत्तों को उनके मूल स्थान पर छोड़ा जाए।

  2. सार्वजनिक स्थानों पर कुत्तों को खाना खिलाने के लिए तय फैडिंग पॉइंट (feeding zones) बनाए जाएँ।

  3. रेबीज के संकेत दिखाने वाले कुत्तों की अलग पहचान और देख-रेख हो।

  4. नगर निगम और पशु कल्याण संगठनों के बीच तालमेल सुनिश्चित किया जाए।

  5. पूरे देश में एक संगठित नीति लागू की जाए—जिसकी रूपरेखा सुप्रीम कोर्ट तय करेगा।

इस फैसले के मायने:

इस संशोधित आदेश से आवारा कुत्तों के प्रति सहानुभूतिपूर्ण और वैज्ञानिक दृष्टिकोण अपनाया गया है। अब सभी स्थानीय निकायों के लिए एक ऐसी पद्धति अपनाना अनिवार्य होगा, जिसमें सार्वजनिक सुरक्षा और जानवरों के अधिकारों का संतुलन बना रहे—जिसे पशु कल्याण मंडलों ने सराहा है।

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