उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ की एक महिला डॉक्टर Dr Shaheen Shahid को सोमवार को गिरफ्तार किया गया है, जिसके वाहन से एक AK-47 रायफल बरामद हुई है। यह गिरफ्तारी एक बड़े आतंकी मॉड्यूल के सिलसिले में सामने आई है, जो कि Faridabad (हरियाणा) तथा Jammu & Kashmir में सक्रिय पाया गया है।
जांच एजेंसियों के अनुसार, यह मॉड्यूल “व्हाइट-कलर” आतंकवाद का उदाहरण है जहाँ पेशेवर डॉक्टर, शैक्षणिक संस्थाएँ और अन्य उच्चशिक्षित व्यक्ति, बाहरी हैंडलर्स के साथ मिलकर हथियार, विस्फोटक और लॉजिस्टिक्स तैयार कर रहे थे।
विशेष रूप से, लखनऊ की डॉक्टर के वाहन से बरामद AK-47 सहित अन्य गोलियां, कारतूस एवं संदिग्ध सामग्री मिली है। इसके अलावा इस मॉड्यूल में लगभग 2,900 किलोग्राम से अधिक विस्फोटक सामग्री, टाइमर, वायरिंग व उपकरण मिले हैं।
हरियाणा-जम्मू एवं उप्र की पुलिस टीमों द्वारा की गई संयुक्त कार्रवाई में बताया गया है कि मॉडल का आधार शिक्षा और चिकित्सा संबंधी नेटवर्क था जहाँ डॉक्टरों व छात्रों का इस्तेमाल लॉजिस्टिक्स और वित्तपोषण के लिए किया जा रहा था।
पुलिस सूत्र बताते हैं कि आरोपी डॉक्टर ने खुद वाहन उपलब्ध कराया था, जिसमें आरोप है कि जिहादी संगठनों जैसे Jaish‑e‑Mohammed (JeM) और Ansar Ghazwat‑ul‑Hind (AGuH) से संबंध दर्ज हैं।
यह घटना सुरक्षा-प्रबंधन के दृष्टिकोण से बेहद गंभीर मानी जा रही है क्योंकि यह दर्शाती है कि अब सिर्फ पारंपरिक आतंकवादी नहीं बल्कि शिक्षित पेशेवर भी इस प्रकार की गतिविधियों में जुट सकते हैं — और घरेलू शिक्षा संस्थानों व चिकित्सा संस्थानों के नेटवर्क को लाभदायक ठिकाने के रूप में इस्तेमाल कर सकते हैं।
अभी तक यह स्पष्ट नहीं हुआ है कि इन आरोपियों के द्वारा तैयार की गई सामग्री किस स्थान पर इस्तेमाल की जानी थी, किन ठिकानों को निशाना बनाया जाना था या उन्हें कितने समय से ये नेटवर्क सक्रिय था। एजेंसियां इस दिशा में बैंकिंग ट्रांजैक्शन, मोबाइल फोन कॉल लॉग, विदेशों से सम्पर्क एवं संस्थागत लेन-देन की पड़ताल कर रही हैं।
इस खुलासे के बाद दिल्ली-एनसीआर, हरियाणा और उत्तर प्रदेश में सुरक्षा सतर्कता बढ़ा दी गई है। स्थानीय पुलिस का कहना है कि आम नागरिकों को किसी भी संदिग्ध गतिविधि—विशेष कर चिकित्सा संस्था, शिक्षण संस्था या निजी वाहन में अनियंत्रित शिफ्टिंग—की सूचना तत्काल देना चाहिए।
