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पहाड़ों से मैदानों की ओर: आतंकियों का नया रणनीतिक बदलाव, सुरक्षा एजेंसियां सतर्क

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उत्तर प्रदेश सीमा के पास स्थित जम्मू संभाग में एक नया सुरक्षात्मक सुराग सामने आया है, जहाँ पहाड़ी इलाकों में छिपे आतंकवादी अब मैदानी क्षेत्रों में अपना ठिकाना बनाने जा रहे हैं। सर्दियों की शुरुआत के साथ-साथ (जब उच्च ऊँचाई वाले जंगल और पहाड़ी इलाके रहने के लिए कठिन हो जाते हैं), आतंकवादी ग्रुप-सहायकों द्वारा मैदानी इलाकों में प्रवेश तथा ठहरने की कोशिशें शुरू करने की सूचना मिली है।

खुफिया एजेंसियों एवं पुलिस ने यह आकलन किया है कि ऊपरी पहाड़ी जंगल क्षेत्रों में ठहरना एवं सक्रिय रहना इन दिनों आतंकवादियों के लिए मुश्किल होता जा रहा है — बर्फबारी, सर्दी, सीमित आवागमन के कारण। इन परिस्थितियों का सामना करते हुए, वे नीचे-मैदानी इलाके जैसे कि डोडा, रामबन, किस्तवाड़, राजोरी व कठुआ जिलों में अपने सहयोगी-नेटवर्क को सक्रिय कर ठिकाने तलाश रहे हैं।

पुलिस ने इन जिलों में व्यापक छापेमारी और तलाशी अभियान चलाया है, जिसमें संदिग्ध सहयोगियों, पूर्व सक्रिय आतंकवादियों, आत्मसमर्पण कर चुके आतंकियों के घरों की जांच शामिल है। साथ ही, स्थानीय युवाओं को स्लीपर-सेल के सदस्य बनने से रोकने, ऑनलाइन प्रचार व सोशल-मीडिया के माध्यम से भर्ती को ट्रैक करने पर भी विशेष ध्यान दिया गया है।

विशेष रूप से पुलिस अधिकारियों ने बताया है कि इन जांचों के माध्यम से ऐसे समूहों का पता लगाया जा रहा है जो फिलहाल पहाड़ों में सक्रिय थे लेकिन अब मैदानों में आकर सामाजिक-स्तर पर संदिग्ध गतिविधियों का संचालन करने की कोशिश में हैं। उदाहरण के तौर पर, रामबन जिले में पुलिस ने कुछ ऐसे ठिकानों की खोज की है जहाँ पाकिस्तानी मूल के संदिग्धों के रिश्तेदार या सहयोगी रह रहे थे।

यह रणनीतिक बदलाव इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि मैदानी इलाकों में आतंकियों को छिपने-चलने, स्थानीय नेटवर्क बनाने और समाज-स्तर पर जुड़ने में अधिक सुविधा मिल सकती है — जिससे सुरक्षा व्यवस्था को चुनौती मिल सकती है। इससे वह पारंपरिक पहाड़ी ठिकानों से नीचे आकर अधिक सक्रिय हो सकते हैं।

सरकारी सुरक्षा सूत्र यह स्पष्ट कर रहे हैं कि यह सिर्फ एक छवि परिवर्तन नहीं बल्कि ठिकानाचयन-रणनीति का क्रांतिकारी बदलाव हो सकता है — जहाँ आतंकवादी पहले जंगल-पहाड़ियों में छुपते थे, अब वह सड़कों-गाँव-नगर की ओर रुख कर रहे हैं।

इस प्रवृत्ति को देखते हुये, सुरक्षा एजेंसियों ने मैदानी इलाकों में निगरानी बढ़ाई है, स्थानीय पुलिस-टीम को सक्रिय किया है, और आम नागरिकों से अपील की है कि वे संदिग्ध गतिविधियों पर तुरंत सूचित करें। पुलिस ने कहा है कि सूचना देने वालों की पहचान गोपनीय रखी जाएगी।

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