
केंद्र सरकार ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को निर्देशित किया है कि वे शैक्षिक संस्थानों के चारों ओर 100 गज की दूरी में तंबाकू और नशीले पदार्थों की बिक्री पर सख्ती से रोक लगाएं। यह कदम युवाओं को तंबाकू की लत से बचाने और उनके स्वास्थ्य को सुरक्षित रखने के उद्देश्य से उठाया गया है।
मुख्य बिंदु:
- 100 गज की दूरी में बिक्री पर प्रतिबंध:
केंद्र सरकार ने राज्यों को आदेश दिया है कि वे शैक्षिक संस्थानों के चारों ओर 100 गज की दूरी में तंबाकू और नशीले पदार्थों की बिक्री पर सख्ती से रोक लगाएं। यह कदम युवाओं को तंबाकू की लत से बचाने और उनके स्वास्थ्य को सुरक्षित रखने के उद्देश्य से उठाया गया है। - ‘पीली रेखा’ अभियान:
कई राज्यों में इस उद्देश्य को प्राप्त करने के लिए ‘पीली रेखा’ अभियान चलाया जा रहा है, जिसमें शैक्षिक संस्थानों के चारों ओर 100 गज की दूरी में सड़कों पर पीली रेखा खींची जाती है। यह रेखा तंबाकू मुक्त क्षेत्र को चिन्हित करती है और दुकानदारों को इस क्षेत्र में तंबाकू उत्पादों की बिक्री से रोकती है। - कानूनी प्रावधान:
तंबाकू और अन्य नशीले पदार्थों की बिक्री पर रोक लगाने के लिए सिगरेट और अन्य तंबाकू उत्पाद (विज्ञापन पर प्रतिबंध और व्यापार, उत्पादन, आपूर्ति और वितरण का नियमन) अधिनियम, 2003 (COTPA) के तहत कानूनी प्रावधान हैं। इस अधिनियम के तहत शैक्षिक संस्थानों के 100 गज के दायरे में तंबाकू उत्पादों की बिक्री पर प्रतिबंध है। - राज्य सरकारों की जिम्मेदारी:
केंद्र सरकार ने राज्यों से यह सुनिश्चित करने को कहा है कि शैक्षिक संस्थानों के पास तंबाकू उत्पादों की बिक्री न हो। इसके लिए संबंधित विभागों को निर्देशित किया गया है कि वे इस अभियान को प्रभावी ढंग से लागू करें और उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करें।
निष्कर्ष:
केंद्र सरकार का यह कदम युवाओं को तंबाकू की लत से बचाने और उनके स्वास्थ्य को सुरक्षित रखने के लिए महत्वपूर्ण है। राज्यों को इस दिशा में सख्त कदम उठाने की आवश्यकता है ताकि शैक्षिक संस्थानों के पास तंबाकू उत्पादों की बिक्री पर प्रभावी रोक लगाई जा सके।