
मुख्य तथ्य:
- दिल्ली सरकार ने हाल ही में ट्रांसजेंडर कल्याण और सशक्तिकरण बोर्ड बनाने की प्रक्रिया को मंजूरी दी है, गृह मंत्रालय से अब इससे संबंधित अधिसूचना की प्रतीक्षा है ।
- यह बोर्ड ट्रांसजेंडर समुदाय की आवश्यकताओं को पहचान कर उनकी सामाजिक, आर्थिक, स्वास्थ्य एवं शिक्षा संबंधी समस्याओं का समाधान करेगा ।
- महिलाओं के अधिकारों के लिए काम करने वाली संस्था दिल्ली महिला आयोग (DCW) ने राज्य और केंद्र सरकार से बोर्ड के गठन की प्रक्रिया में तेजी लाने का निर्देश दिया है।
- आयोग ने उल्लेख किया है कि तमिलनाडु, केरल, उत्तर प्रदेश, और बिहार सहित 12 राज्य/केंद्रशासित प्रदेशों ने पहले ही ऐसा बोर्ड बनाया है, इसलिए दिल्ली पीछे नहीं रहना चाहिए।
पृष्ठभूमि और संदर्भ:
- जनवरी 2025 में सुप्रीम कोर्ट ने ट्रांसजेंडर कल्याण बोर्डों के गठन में देरी करने वाले राज्यों को 20,000 रुपये जुर्माना का नोटिस दिया था, जोBOARD गठित करने के लिए पहल करने का दबाव बनाता है ।
- केंद्र सरकार की जानकारी के अनुसार, देशभर में अब तक 21 ट्रांसजेंडर कल्याण बोर्ड की स्थापना हो चुकी है और कई गरिमा गृह तथा रक्षा कक्ष भी बनाए गए हैं।
संभावित प्रभाव:
- बोर्ड की स्थापना से ट्रांसजेंडर लोगों को पहचान पत्र, कल्याण योजनाओं, शिक्षा एवं स्वास्थ्य सुविधाओं, और समाजिक न्याय में बेहतर पहुंच मिलेगी।
- यह बोर्ड पुलिस और प्रशासन से उन्हें आरक्षित सुविधाएँ सुनिश्चित करने में एक माध्यम बनकर उभरेगा।