
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के खिलाफ कैलिफोर्निया सरकार ने बड़ा कदम उठाते हुए फेडरल कोर्ट में मुकदमा दर्ज किया है। यह केस ट्रंप द्वारा राज्य की अनुमति के बिना लॉस एंजेलिस में नेशनल गार्ड की तैनाती के खिलाफ दायर किया गया है। राज्य सरकार का कहना है कि राष्ट्रपति ने संविधान की 10वीं संशोधन की मर्यादा का उल्लंघन किया है।
🔴 क्या है मामला?
हाल ही में लॉस एंजेलिस में इमिग्रेशन छापों के विरोध में जबरदस्त प्रदर्शन हुए, जिसमें झड़पें और आगजनी हुई। ट्रंप ने इसे “असुरक्षा की स्थिति” बताते हुए 2000 नेशनल गार्ड और 700 मरीन सैनिकों की तैनाती का आदेश दिया। यह कदम Title 10 कानून के तहत उठाया गया, जो आमतौर पर युद्ध या विद्रोह जैसी स्थितियों में लागू किया जाता है।
⚖️ कैलिफोर्निया सरकार का आरोप
- गवर्नर गेविन न्यूसम और अटॉर्नी जनरल रॉब बॉन्टा ने कहा कि ट्रंप ने बिना राज्य की अनुमति के नेशनल गार्ड को तैनात करके संवैधानिक अधिकारों का उल्लंघन किया है।
- उन्होंने इसे “राज्य की संप्रभुता पर हमला” करार दिया और कहा कि यह एक राजनीतिक स्टंट है, जिससे जनता को डराया जा रहा है।
🧾 मुकदमे के मुख्य बिंदु:
बिंदु | विवरण |
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मुकदमा किसने दायर किया? | कैलिफोर्निया के गवर्नर और AG ने |
किसके खिलाफ? | राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और रक्षा मंत्री पीट हेगसेथ के खिलाफ |
क्यों? | बिना राज्य की सहमति के नेशनल गार्ड की तैनाती |
कानूनी आधार | Title 10 कानून का गलत प्रयोग और 10वें संशोधन का उल्लंघन |
खतरा क्या है? | इससे राज्यों की सैन्य शक्ति पर संघीय नियंत्रण का खतरा बढ़ता है |
🚨 विशेषज्ञों की राय
कई संवैधानिक विशेषज्ञों ने कहा है कि ट्रंप द्वारा Title 10 का इस तरह इस्तेमाल असाधारण और खतरनाक है। आम तौर पर इस तरह की सैन्य तैनाती Insurrection Act के तहत होती है, लेकिन यहां वह स्थिति नहीं थी।
📢 कैलिफोर्निया सरकार का बयान
“यह एक खतरनाक मिसाल है। हम ट्रंप के इस कदम को अदालत में चुनौती देंगे और राज्य के अधिकारों की रक्षा करेंगे।”
— गवर्नर गेविन न्यूसम