
फ्रांस के प्रधानमंत्री सेबेस्टियन लेकोर्नू ने बुधवार को राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों को अपना इस्तीफा सौंप दिया। यह इस्तीफा उनके पद ग्रहण करने के महज कुछ ही हफ्तों बाद आया है, जिसने फ्रांसीसी राजनीति में अस्थिरता को बढ़ा दिया है।
इस्तीफे के पीछे की वजह
लेकोर्नू को सितंबर 2025 में प्रधानमंत्री नियुक्त किया गया था, जब उनके पूर्ववर्ती फ्रांस्वा बैरू को संसद में अपनी सरकार के बजट प्रस्ताव पर अविश्वास के बाद पद छोड़ना पड़ा था। लेकोर्नू ने हाल ही में अपनी नई कैबिनेट की घोषणा की थी, लेकिन इस कैबिनेट को लेकर राजनीतिक दलों में मतभेद और विरोध तेजी से बढ़ा। खासकर कुछ अहम मंत्रियों की नियुक्ति विवादों में रही, जिससे विपक्षी दलों ने उन्हें समर्थन देने से इनकार कर दिया।
इन राजनीतिक असंतुष्टियों के चलते, लेकोर्नू ने इस्तीफा देने का निर्णय लिया। राष्ट्रपति मैक्रों ने उनका इस्तीफा स्वीकार कर लिया है।
राजनीतिक और आर्थिक असर
इस इस्तीफे के बाद फ्रांस में राजनीतिक अस्थिरता की चिंता बढ़ गई है। विपक्षी दलों ने नई सरकार बनाने की प्रक्रिया को चुनौतीपूर्ण बताते हुए जल्द चुनाव की मांग की है। इस खबर के चलते फ्रांसीसी शेयर बाजार में भी गिरावट दर्ज की गई, जहां CAC 40 इंडेक्स करीब 2% गिर गया।
आगे की स्थिति
अब यह स्पष्ट नहीं है कि राष्ट्रपति मैक्रों नए प्रधानमंत्री के तौर पर किसे नियुक्त करेंगे और क्या फ्रांस को जल्द ही चुनाव कराने पड़ेंगे। राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार यह इस्तीफा मैक्रों सरकार की नीतिगत चुनौतियों और राजनीतिक अस्थिरता का संकेत है।