
यूक्रेन ने घोषणा की है कि वह 1 अक्टूबर 2025 से भारत से डीज़ल की खरीद को रोक देगा। इस फैसले का कारण बताया गया है कि भारतीय डीज़ल में रूस से प्राप्त कच्चे तेल के घटकों की मौजूदगी हो सकती है, जो यूक्रेनी सुरक्षा चिंताओं और अंतरराष्ट्रीय दबाव के बीच मुद्दा बन गयी है।
क्या है पूरा मामला
नया कदम: यूक्रेन की ऊर्जा कंसल्टेंसी एनकोर ने बताया है कि भारत से आने वाली हर डीज़ल खेप की जांच की जाएगी ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि उसमें कोई “रूसी कंपोनेंट” शामिल न हो।
आयात में हिस्सेदारी: अगस्त 2025 में यूक्रेन ने भारत से लगभग 119,000 टन डीज़ल खरीदा, जो कि उसके कुल डीज़ल आयात का लगभग 18% है।
पिछला आयात: इस साल की पहली छमाही में यूक्रेन द्वारा किया गया कुल डीज़ल आयात लगभग 2.74 मिलियन मीट्रिक टन रहा, जो पिछले वर्ष की तुलना में करीब 13% कम है।
प्रमुख वजहें:
यूक्रेन का आरोप है कि रूस, उसकी तेल रिफाइनरियों पर ड्रोन और मिसाइल हमले कर रहा है, जिससे सुरक्षा व कच्चे माल की विश्वसनीयता पर असर पड़ता है।
भारत द्वारा रूस से कच्चे तेल की खरीद अधिक मात्रा में होती है, जिससे यह संदेह उत्पन्न हुआ है कि डीज़ल में INDIRECTLY रूस से आयातित सामग्री हो सकती है।
संभावित प्रभाव
भारत के निर्यातकों पर असर: भारत से डीज़ल निर्यात करने वाली कंपनियों को नए तरीके से लेबलिंग, सामग्री की सफाई और स्रोत की पारदर्शिता सुनिश्चित करनी होगी।
यूक्रेन को विकल्प खोजने होंगे: चूंकि भारत से डीज़ल मात्रा में महत्वपूर्ण है, इस प्रतिबंध के बाद यूक्रेन को अन्य देशों से डीज़ल की आपूर्ति सुनिश्चित करनी होगी।
राजनीतिक-आर्थिक जवाब: यह कदम वैश्विक ऊर्जा एवं भू-राजनीतिक गतिरोधों को और अधिक महत्त्व देगा, खासकर रूस-पश्चिम व भारत की भूमिका को लेकर।