
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 4 जुलाई 2025 को घोषणा की है कि वह आज रात से 10 से 12 देशों को टैरिफ संबंधित पत्र भेजेंगे। इन पत्रों में उन देशों को अमेरिका में आयातित सामानों पर लगने वाले शुल्क की जानकारी दी जाएगी, जो अब तक व्यापार समझौतों में शामिल नहीं हुए हैं। यह कदम ट्रंप प्रशासन की “लिबरेशन डे” नीति के तहत उठाया जा रहा है, जिसका उद्देश्य व्यापार घाटे को कम करना और अमेरिकी उद्योगों की रक्षा करना है।
ट्रंप ने कहा कि 170 से अधिक देशों के साथ अलग-अलग व्यापार समझौते करना जटिल है, इसलिए वह सीधे पत्र भेजकर टैरिफ दरों की जानकारी देंगे। इन पत्रों में 20% से 50% तक के टैरिफ की संभावना जताई गई है। उदाहरण के लिए, जापान को 25% टैरिफ की चेतावनी दी जा सकती है, खासकर जापानी कारों के लिए।
इससे पहले, ट्रंप प्रशासन ने यूनाइटेड किंगडम और चीन के साथ सीमित व्यापार समझौते किए हैं, लेकिन अन्य देशों के साथ बातचीत में प्रगति धीमी रही है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह रणनीति वैश्विक व्यापार संबंधों में तनाव बढ़ा सकती है।
भारत के साथ व्यापार समझौते की संभावना पर ट्रंप ने कहा कि अमेरिका भारत के साथ एक समझौते के करीब है, जो अमेरिकी निर्यातों पर टैरिफ कम करेगा और अमेरिकी कंपनियों के लिए बाजार पहुंच में सुधार करेगा। यह समझौता 9 जुलाई को समाप्त होने वाली 90-दिन की टैरिफ स्थगन अवधि के बाद लागू हो सकता है।
हालांकि, जापान के साथ व्यापार समझौते को लेकर ट्रंप ने संदेह व्यक्त किया है, क्योंकि जापान अमेरिकी चावल आयात करने से इनकार कर रहा है, जबकि वह लाखों कारें अमेरिका को निर्यात करता है। ट्रंप ने जापान पर 35% तक के टैरिफ लगाने की धमकी दी है।
इस प्रकार, ट्रंप प्रशासन की यह नई रणनीति वैश्विक व्यापार संबंधों में महत्वपूर्ण बदलाव ला सकती है, और यह देखना होगा कि अन्य देश इस पर कैसे प्रतिक्रिया देते हैं।