जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने बड़ी राहत देते हुए माँ वैष्णो देवी यात्रा को 19 दिनों के लंबे अंतराल के बाद 14 सितंबर 2025 से पुनः शुरू करने की घोषणा कर दी है। यह निर्णय मौसम की स्थिति में सुधार और मार्गों की मरम्मत के बाद लिया गया है। यात्रा के दो प्रमुख मार्गों — पुराना ट्रैक (भवन ट्रैक) और हेलीपैड के रास्ते से कटरा से भवन तक को पूरी तरह से सुरक्षित और सुचारू घोषित किया गया है।
यात्रा क्यों रोकी गई थी?
बीते कुछ हफ्तों से जम्मू-कश्मीर में लगातार भारी बारिश हो रही थी, जिससे कई स्थानों पर भूस्खलन (landslides) हुए थे। इसके चलते वैष्णो देवी जाने वाले मुख्य मार्गों पर फिसलन, चट्टानों का गिरना, और मार्ग बाधित होने जैसी समस्याएं उत्पन्न हो गई थीं। श्रद्धालुओं की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए यात्रा को 19 दिन पहले रोक दिया गया था।
अब तक क्या तैयारियां हुईं?
श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड (SMVDSB) और जम्मू-कश्मीर पुलिस द्वारा तीर्थ मार्ग की पूरी जांच और मरम्मत करवाई गई है:
- सड़क और पगडंडी मार्ग की मरम्मत
- सुरक्षा बैरियर, CCTV और पुलिस गश्त को और मजबूत किया गया
- हेलिकॉप्टर सेवाएं भी धीरे-धीरे बहाल की जा रही हैं
- मौसम विभाग की रिपोर्ट में अगले कुछ दिनों तक अनुकूल मौसम की संभावना
श्राइन बोर्ड ने यह भी बताया कि आपात स्थिति के लिए रेस्क्यू टीम, मेडिकल स्टाफ और स्वयंसेवकों को तैनात कर दिया गया है।
श्रद्धालुओं के लिए विशेष दिशानिर्देश:
- यात्रा पर आने से पहले श्राइन बोर्ड की वेबसाइट या स्थानीय प्रशासन के अपडेट्स ज़रूर चेक करें।
- बारिश या किसी भी आपात स्थिति में प्रशासन के दिशा-निर्देशों का पालन करें।
- बुजुर्ग, बीमार और छोटे बच्चों वाले यात्रियों को विशेष सतर्कता बरतने की सलाह दी गई है।
- ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन की सुविधा पहले की तरह चालू है, बिना रजिस्ट्रेशन के एंट्री नहीं।
क्या बोले प्रशासन?
जम्मू-कश्मीर पुलिस और श्राइन बोर्ड ने साझा बयान में कहा:
“श्रद्धालुओं की सुरक्षा हमारी पहली प्राथमिकता है। सभी जरूरी इंतज़ाम पूरे कर लिए गए हैं। मौसम की स्थिति अनुकूल है और यात्रा के मार्ग अब पूरी तरह से सुरक्षित हैं।”
यात्रा का महत्व
वैष्णो देवी यात्रा भारत के सबसे प्रमुख धार्मिक स्थलों में से एक है। कटरा से त्रिकुटा पहाड़ियों में स्थित माँ वैष्णो देवी के मंदिर तक की पैदल यात्रा हर साल लाखों श्रद्धालु करते हैं। बारिश और आपदा के समय इस यात्रा को रोकना प्रशासन के लिए एक संवेदनशील लेकिन ज़रूरी कदम होता है।
अब जबकि यात्रा दोबारा शुरू हो रही है, यह उन लाखों श्रद्धालुओं के लिए राहत की खबर है जो माँ के दर्शन के लिए इंतज़ार कर रहे थे।