
रांची के JSCA स्टेडियम में खेले गए India vs South Africa 2025 ODI series के पहले मैच में भारत ने फिर से साबित कर दिया कि अनुभवी खिलाड़ियों का अनुभव और जुझारूपन किसी भी हालात में काम आ सकता है। शुरुआत थोड़ी धीमी रही — पहले ही बल्लेबाजी में यशस्वी जायसवाल मंडियों ने जल्दी आउट हो गए। लेकिन इसके बाद Rohit Sharma और Virat Kohli ने जिस तरह पारी संभाली, उससे पूरा समीकरण बदल गया।
कुल मिलाकर, भारत ने 50 ओवर में 349/8 का बड़ा स्कोर खड़ा किया — जिस पर दक्षिण अफ्रीका को जीत के लिए 350 रन चाहिए थे। जवाब में Proteas ने शुरुआत अच्छी की, लेकिन भारत के गेंदबाजों ने समय-समय पर विकेट चटकाए, और आखिरी ओवर में ड्रामा के बाद टीम इंडिया ने 17 रन से जीत दर्ज कर सीरीज में 1-0 की बढ़त ले ली।
Virat-Rohit की धमाकेदार बैटिंग
मैच की सबसे बड़ी वजह रही Virat Kohli की शानदार पारी — 135 रन (120 गेंदों में), जिसमें 11 चौके और 7 छक्के शामिल थे। यह उनकी ODI करियर की 52वीं सेंचुरी साबित हुई।
Rohit Sharma ने भी कम कमाल नहीं किया — 57 रन (51 गेंदों में) की पारी, जिसमें 5 चौके और 3 छक्के थे। दोनों की साझेदारी, 136 रनों की दूसरी विकेट के लिए, भारतीय पारी की रीढ़ साबित हुई। यह 20वीं बार है जब इन दोनों ने ODI में शतकीय या उससे ऊपर की साझेदारी की।
इनकी साझेदारी ने न सिर्फ स्कोरबोर्ड को मजबूती दी, बल्कि बॉलर्स और विपक्ष दोनों को दबाव में ला दिया।
गेंदबाज़ी — Kuldeep और Harshit ने दिखाई काबिलियत
बल्लेबाज़ों की पारी के बाद गेंदबाज़ों ने भी शानदार काम किया। Kuldeep Yadav ने 4 महत्वपूर्ण विकेट लिए — जिनमें South Africa के सेट बल्लेबाज़ शामिल थे। उनके स्पिन-जाल ने विपक्ष की बल्लेबाज़ी को बार-बार तोड़ा।
दूसरी ओर Harshit Rana ने भी जोरदार शुरुआत दी — उन्होंने 3 विकेट झटके, और शुरुआती ओवरों में ही विपक्षी सलामी बल्लेबाज़ों को परेशान कर दिया। उनकी गेंदबाज़ी ने दक्षिण अफ्रीका की पारी को काफी हद तक दबा दिया।
इस तरह, सामूहिक प्रदर्शन ने भारत को जीत दिलाई — न सिर्फ बल्लेबाज़ी ने, बल्कि गेंदबाज़ी व मध्यक्रम ने भी अहम योगदान दिया।
मायने — टेस्ट सीरीज़ की हार के बाद एक भरोसे की किरण
भारत ने हाल ही में साउथ अफ्रीका के खिलाफ टेस्ट सीरीज़ गंवाई थी, और टीम में आलोचनाएँ तेज थीं। इस मैच की जीत — खासकर Virat-Rohit जैसे दिग्गजों के कमबैक और Kuldeep-Harshit जैसे युवा टैलेंट के दम पर — उस कड़वाहट को मिठास में बदलने जैसा रहा।
विश्लेषकों के अनुसार, यह पारी सिर्फ एक जीत नहीं, बल्कि आत्म-विश्वास और टीम को भविष्य के लिए नए जोश के साथ फिर से तैयार करने की शुरुआत है।



