
तेहरान -अमेरिका–इज़राइल संघर्ष के बीच, 22 जून 2025 को इरानी संसद ने एक प्रस्ताव पारित किया जिसमें यू.एस. द्वारा ईरान के परमाणु ठिकानों (फोर्डो, नतांज़, इसफहान) पर हमले के जवाब में हॉर्मुज़ जलडमरु को बंद करने की अनुमति देने की वकालत की गई है। यह निर्णय संसद से मंज़ूर हो गया, लेकिन इसे प्रभावी बनाने के लिए देश की सर्वोच्च राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद (Supreme National Security Council) की भी हरी झंडी चाहिए ।
हॉर्मुज़ जलडमरु विश्व के कुल तेल निर्यात का लगभग 20–25 % ले जाने वाला एक अहम कनेक्शन है, जो फारस की खाड़ी को ओमैन की खाड़ी से जोड़ता है । सांसद Esmail Kowsari ने कहा कि यह कदम “गंभीर विचाराधीन” है और यदि अमेरिकी–इस्राइली आक्रमण जारी रहे, तो यह “यथासंभव” लागू किया जा सकता है ।
विश्लेषकों का मानना है कि यदि हॉर्मुज़ बंद होती है, तो वैश्विक तेल की कीमतें तेज़ी से बढ़ सकती हैं—$100–$150 प्रति बैरल के पार जा सकती हैं—और तेल की सप्लाई में भारी व्यवधान आ सकता है । हालांकि, अंतर्राष्ट्रीय दायित्व और सुरक्षा बलों की प्रतिक्रिया की आशंका से इस कदम को उठाना बेहद जोखिम भरा माना जा रहा है । साथ ही, यू.एस. विदेश मंत्री मारको रूबियो ने चीन से आग्रह किया है कि वह इरान को इस जलमार्ग को बंद करने से बचाए, क्योंकि यह ‘आर्थिक आत्मघात’ होगा ।
इस प्रस्ताव के तहत अब सर्वोच्च परिषद की बैठक में अंतिम निर्णय चुना जाएगा। अगर इस जलडमरु में बाधा आती है, तो वैश्विक तेल बाजार में तेजी तथा मध्य-पूर्व में सैन्य तनाव में वृद्धि की संभावना बनी हुई है।