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रोहिणी सेक्टर 22 में जलभराव: प्रशासनिक अनदेखी या प्राकृतिक आपदा?

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रोहिणी, दिल्ली: रात की भारी बारिश और किरारी कॉलोनियों से छोड़े गए पानी के कारण रोहिणी सेक्टर 22 के पॉकेट 1 और 2 में जलभराव की गंभीर समस्या उत्पन्न हो गई है। स्थानीय निवासियों की शिकायत है कि इस क्षेत्र में जल निकासी की समुचित व्यवस्था न होने के कारण सड़कों पर कई फुट पानी जमा हो गया है, जिससे आम जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हो रहा है।

वाहनों की आवाजाही पूरी तरह से ठप हो गई है, और गली-मोहल्लों में पानी का स्तर बढ़ने से लोगों को अपने घरों में ही कैद होना पड़ा है। स्थानीय लोग हर साल इस समस्या का सामना कर रहे हैं, लेकिन प्रशासन द्वारा कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है।

“रातभर हुई बारिश और किरारी कॉलोनियों से छोड़े गए पानी ने हमारी मुश्किलें और बढ़ा दी हैं। हमने कई बार नगर निगम और प्रशासन को इस बारे में सूचित किया है, लेकिन अब तक कोई स्थायी समाधान नहीं मिला,” एक स्थानीय निवासी ने बताया।

स्थानीय सहयोग और दबाव की जरूरत

इस जलभराव को लेकर स्थानीय लोग अब प्रशासन पर दबाव बनाने की योजना बना रहे हैं। निवासियों का मानना है कि अगर सामूहिक रूप से इस समस्या को उठाया जाए, तो प्रशासन को जल निकासी की समस्या का समाधान करने के लिए मजबूर किया जा सकता है।

यह जलभराव केवल एक प्राकृतिक आपदा नहीं है, बल्कि प्रशासन की अनदेखी और जल प्रबंधन में असफलता का परिणाम भी है। स्थानीय लोगों का कहना है कि अगर सही समय पर ध्यान दिया गया होता, तो इस गंभीर स्थिति से बचा जा सकता था।

अब देखना यह है कि प्रशासन कब इस मुद्दे पर संज्ञान लेता है और जलभराव की समस्या का स्थायी समाधान करता है।

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