पश्चिम बंगाल सरकार ने हाल ही में एक अहम फैसला लिया है, जिससे राज्य में बाढ़ और भूस्खलन जैसी प्राकृतिक आपदाओं से प्रभावित छात्रों को बड़ी राहत मिलेगी। सरकार ने घोषणा की है कि ऐसे छात्रों को निशुल्क डुप्लिकेट शैक्षिक दस्तावेज़ (duplicate documents) प्रदान किए जाएंगे।
शिक्षा विभाग और राज्य के काउंसिल ऑफ़ हायर सेकेंडरी एजुकेशन (WBCHSE) की ओर से जारी नोटिफिकेशन में बताया गया है कि जिन छात्रों के मूल प्रमाणपत्र (certificates), मार्कशीट (marksheets), रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट (registration certificate), एडमिट कार्ड (admit card), पास सर्टिफिकेट (pass certificate) आदि दस्तावेज़ बाढ़ या भूस्खलन में खो गए हों, उन्हें इन दस्तावेज़ों की डुप्लिकेट प्रतियां मुफ्त दी जाएँगी।
इस राहत का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि प्राकृतिक आपदाओं की परिस्थितियों में छात्रों को शिक्षा या करियर की राह में बाधाओं का सामना न करना पड़े। सरकारी तर्क यह है कि आपदा की वजह से दस्तावेज़ नष्ट हो जाने की स्थिति में छात्रों को पुनः आवेदन प्रक्रिया की जटिलताओं या शुल्क के बोझ से गुजरना न पड़े।
दस्तावेज़ों की इस मुफ्त डुप्लिकेट सेवा का लाभ उठाने के लिए छात्रों को अपने संबंधित संस्थान (school/college) के प्रमुख (principal) या संस्थानाध्यक्ष को आवेदन देना होगा। आवेदन में यह स्पष्ट करना होगा कि किस प्रमाणपत्र की डुप्लिकेट कॉपी चाहिए और उसके नष्ट होने का कारण (बाढ़ / भूस्खलन) प्रस्तुत करना होगा। संस्थान प्रमुख अपने स्तर पर सत्यापन कर आवेदन को आगे भेजेंगे, जिसके बाद दस्तावेज़ जारी किए जाएंगे।
लेकिन यह सुविधा सामान्य परिस्थितियों के लिए नहीं है। विभाग ने स्पष्ट किया है कि यह एक मानवीय कदम (humanitarian measure) है, विशेष परिस्थितियों और आपदाग्रस्त इलाकों के छात्रों के लिए। सामान्य परिस्थितियों में डॉक्यूमेंट की डुप्लिकेट कॉपी जारी करने की पूर्वनियुक्त शर्तें और शुल्क लागू रहेंगे।
इस नीति का प्रभाव विशेष रूप से उन छात्रों पर पड़ेगा जो आपदाओं के कारण आर्थिक या प्रशासनिक बोझ उठाने में असमर्थ हैं। दस्तावेज़ न होने के कारण कई छात्र आगे की पढ़ाई, दाखिला प्रक्रिया या नौकरी आवेदन में अटक जाते हैं। इस मुफ्त सुविधा से उन्हें आगे बढ़ने में मदद मिलेगी, बशर्ते आवेदन सही समय पर और प्रमाण सहित किया जाए।
पश्चिम बंगाल के जलपाईगुड़ी और दार्जिलिंग जिलों में हाल ही में हुई बाढ़ और भूस्खलन की घटनाओं में दर्जनों लोगों की जान गई और कई बेघर हुए। उन ही इलाकों में यह राहत योजना लागू की जाएगी, ताकि छात्रों की आगे की पढ़ाई प्रभावित न हो।
इस पहल को देखते हुए, उम्मीद की जा रही है कि राज्य सरकार आगे अन्य प्रभावित क्षेत्रों में भी इस तरह की राहत उपायों को विस्तारित करेगी। छात्रों को इस सुविधा का लाभ लेने के लिए जल्द से जल्द आवेदन करना चाहिए और संबंधित सूचना व निर्देशों पर ध्यान देना चाहिए।