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संभल में अवैध मस्जिद और शादी हॉल पर बुलडोज़र कार्रवाई

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उत्तर प्रदेश के संभल जिले में प्रशासन ने राया बुज़ुर्ग इलाके में अवैध निर्माणों पर बुलडोज़र कार्रवाई शुरू की है। यह कार्रवाई विशेष रूप से एक मस्जिद और शादी हॉल (बारात घर) सहित अन्य अवैध संरचनाओं को निशाना बनाते हुए की गई।

सरकारी अधिकारियों ने बताया है कि मस्जिद को हटाने के लिए उन्हें पहले ही नोटिस दिए गए थे, जिसमें कहा गया था कि यदि स्वयं इसे हटाया नहीं गया, तो प्रशासन बलपूर्वक कार्रवाई करेगा। उन्होंने यह भी कहा कि 30-दिन का नोटिस निर्धारित किया गया था, लेकिन वह नजरअंदाज किया गया।

इस कार्रवाई के दौरान इलाके में तनाव की स्थिति उत्पन्न हो गई और पुलिस व अर्धसैनिक बलों को तैनात किया गया। नगर के कई हिस्सों को छावनी जैसा रूप दिया गया है ताकि कानून-व्यवस्था बनी रहे। Flag मार्च किया गया और सुरक्षा व्यवस्था मज़बूत की गई।

मस्जिद को चार दिन में स्वयं तोड़ने के लिए अल्टीमेटम दिया गया, लेकिन जब वह लागू नहीं हुआ, तो बुलडोज़र कार्रवाई की गयी। इसके साथ ही, कार्रवाई में शामिल अधिकारियों ने कहा कि यह अवैध कब्जों को हटाने और संपत्ति कानूनों को लागू करने की एक पहल है।

स्थानीय लोगों में इस कार्रवाई को लेकर विरोध भी देखने को मिला है। कई लोग इसे एक समुदाय विशेष के खिलाफ कार्रवाई बताने लगे हैं, और कहते हैं कि प्रशासन पहले संवाद क्यों नहीं कर रहा था। लेकिन प्रशासन का तर्क है कि यह कार्रवाई कानून के अनुसार की गयी है और किसी तरह की भेदभाव नहीं है।

यह घटना उस व्यापक ‘बुलडोज़र न्याय’ (bulldozer justice) की प्रवृत्ति की याद दिलाती है, जहां अवैध निर्माणों पर कड़ी कार्रवाई की जाती है, विशेष रूप से उत्तर प्रदेश में। इस तरह की कार्रवाइयाँ अक्सर विवादों और प्रश्नों को जन्म देती हैं कि प्रशासन ने क्या प्रक्रिया पूरी की, सूचना दी गई थी या नहीं, और सामाजिक संवेदनाओं का ध्यान रखा गया या नहीं।

पिछले साल भी संभल में एक 500 वर्ष पुरानी मस्जिद, शाही जामा मस्जिद, को लेकर विवाद हुआ था, जिस पर दावा किया गया था कि वह हिंदू मंदिर के खंडहर के ऊपर बनी थी। उस विवाद में सर्वे और हिंसा तक की स्थिति बनी थी। यह पृष्ठभूमि इस नए कदम को और संवेदनशील बनाती है।

भविष्य में यह देखना होगा कि इस कार्रवाई का प्रभाव सामाजिक-राजनीतिक स्तर पर क्या होगा। विरोध तेज हो सकते हैं, अदालतों में याचिकाएँ आ सकती हैं, और साम्प्रदायिक तनाव बढ़ने की आशंका भी है। लेकिन प्रशासन यह संदेश देना चाहता है कि कानून का उल्लंघन बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और अवैध निर्माणों पर एक नकेल कसी जाएगी।

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