ग्रेटर नोएडा (गौतम बुद्ध नगर), लगातार हो रही बारिश और बैराजों से छोड़े गए पानी की वजह से यमुना और हिंदन नदियों का जलस्तर खतरनाक स्तर तक पहुँच गया है, जिससे इस क्षेत्र में बाढ़ जैसी गंभीर स्थिति उत्पन्न हुई है।
बाढ़ से प्रभावित गांव और फसलों का नुकसान
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यमुना और हिंदन नदी के तेजी से बढ़ते जलस्तर ने कुल 43 गाँवों को प्रभावित किया है, जिसमें सदर तहसील के 12, दादरी के 6 और जेवर के 25 गाँव शामिल हैं।
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जेवर में स्थित 25 गाँवों की फसलें—धान, ज्वार, मूंग, अन्य फसलें—पूरी तरह से डूब गई हैं
बचाव-राहत कार्य
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प्रशासन ने अब तक लगभग 3,800 लोगों को सुरक्षित स्थानों तक पहुंचाया है। इनमें से 2,637 लोग अस्थायी शरणालयों में रह रहे हैं, जहाँ उन्हें सामुदायिक रसोई, स्वच्छ पेयजल, चारे और स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं।
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बाढ़ राहत के लिए महत्वपूर्ण संस्थाएँ—National Disaster Response Force (NDRF), State Disaster Response Force (SDRF), PAC, अग्निशमन विभाग—टीमों के माध्यम से सक्रिय हुई हैं। स्वास्थ्य शिविर, पशुओं के लिए शिविर और सांप काटने जैसी आपात स्थितियों के लिए एंटी-वेनम की व्यवस्था भी की गई है।
जोखिम का बढ़ता स्तर
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दोपहर 3 बजे तक यमुना नदी का जलस्तर 200.60 मीटर दर्ज किया गया, जो कि खतरे के निशान पर या उससे ऊपर का स्तर है। ओखला बैराज पर खतरे का स्तर 200.60 मीटर है, जबकि चेतावनी निशान 202.17 मीटर पर निर्धारित है।
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दूसरी ओर, हिंदन नदी का जलस्तर 200 मीटर था, जो चेतावनी स्तर (205.08 मीटर) से नीचे है, लेकिन स्थिति चिंता पैदा करने वाली बनी हुई है।
क्षेत्र में पिछले संकट की याद ताजा
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2023 में इसी नदी के अचानक बढ़ते जलस्तर की वजह से 67 गाँव प्रभावित हुए थे। आज समान परिस्थिति ने फिर से उन दिनों की याद दिला दी है, विशेषकर किनारों पर बसे झुग्गी-झोपड़ियों में रहने वाले लोगों की चिंता बढ़ गई है।
