
यमुनानगर में यमुना नदी का उफान, दिल्ली-एनसीआर में बाढ़ का खतरा
यमुनानगर (हरियाणा) / दिल्ली-एनसीआर, 1 सितंबर 2025 – लगातार मूसलाधार बारिश के चलते यमुनानगर स्थित हठनी कुंड बैराज पर यमुना नदी का जलस्तर मौजूदा मॉनसून में अब तक के सबसे ऊँचे स्तर पर पहुँच गया है, जिससे दिल्ली-एनसीआर में बाढ़ का खतरा उत्पन्न हो गया है और प्रशासन अलर्ट पर है।
1. बैराज पर जलस्तर का रिकॉर्ड उफान
हरियाणा सिंचाई विभाग के अनुसार, यमुनानगर स्थित हठनी कुंड बैराज पर यमुना नदी का जल प्रवाह 3.29 लाख क्यूसेक्स तक पहुँच गया — यह मौजूदा मॉनसून में अब तक का उच्चतम प्रवाह स्तर है। (जहाँ 2.5 लाख क्यूसेक्स से अधिक को “उच्च बाढ़” माना जाता है)। इस विशाल जल रिलीज के बाद, पानी दिल्ली तक पहुँचने में लगभग 48 घंटे का समय लेता है।
2. हरियाणा सरकार की सतर्कता और अलर्ट
मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने बैराज क्षेत्र के जिलों को आपात स्थिति के लिए तैयार रहने का निर्देश दिया है। साथ ही, नदी किनारे बसे गांवों एवं कॉलोनियों में पूर्व तैयारी सहित बचाव कार्यों की व्यवस्थाएं सुनिश्चित करने को कहा गया है।
3. दिल्ली-एनसीआर में बाढ़ का खतरा
जब यमुना में यह उफान दिल्ली की ओर बढ़ेगा, तो पानी की मात्रा बढ़कर खतरे के स्तर को पार कर सकती है। यह स्थिति विशेषकर दिल्ली के निचले इलाकों और फ्लडलैंड्स में बाढ़ की संभावना को बढ़ा देती है। स्थानीय प्रशासन द्वारा निगरानी बढ़ा दी गई है, राहत शिविर स्थापित किए गए हैं और निवासियों को सतर्क रहने का निर्देश दिया गया है।
4. मौसम की चेतावनी और आगे के अनुमान
इंडियन मेट्रोलॉजिकल डिपार्टमेंट (IMD) ने दिल्ली और आसपास के राज्यों में भारी बारिश की आशंका जताई है, जिससे यमुना का जलस्तर और ऊपर जा सकता है। दिल्ली में यमुना नदी खतरे के निशान के करीब पहुँच चुकी है और निगरानी जारी है।
सामरिक और निष्कर्षात्मक विश्लेषण
अब तक के स्तर का उफान: 3.29 लाख क्यूसेक्स पर पहुंचना इस मौनसून का सबसे बड़ा उफान है और यह एक संरचनात्मक जोखिम का संकेत है।
प्रभाव की तीव्रता: पानी दिल्ली तक पहुँचने में 2 दिनों से अधिक का समय ले सकता है — इस दौरान बचाव एवं राहत कार्यों का आयोजन महत्वपूर्ण है।
आपदा प्रबंधन की सक्रियता: दोनों राज्यों—हरियाणा और दिल्ली—का प्रशासन तत्परता के साथ अलर्ट मोड पर है; यह बहुत आवश्यक कदम है क्योंकि यह एक संभावित जीवन और संपत्ति को बचाने वाला समय है।
भविष्य में जोखिम की संभावना: आगे बारिश का क्रम जारी रहा तो यमुना आसानी से ‘देंजर लेवल’ (205.33 मीटर) और उससे ऊपर की स्थिति प्राप्त कर सकती है, जिससे बड़े पैमाने पर निकासी और जनता में संकट पैदा हो सकता है।