चार साल से रुका गोंडा यार्ड की इंटरलॉकिंग का काम रेलवे बोर्ड की हरी झंडी मिलने के बाद अब पूरा कराया जाएगा। इसके लिए 84 ट्रेनें (42 जोड़ी) निरस्त की गईं हैं। जबकि कुछ ट्रेनों का रूट परिवर्तित किया गया है। इससे यात्रियों को जहां 23 दिन तक दिक्कत उठानी पड़ेगी, वहीं रेलवे को नुकसान भी होगा। मगर यार्ड की इंटरलॉकिंग का कार्य पूरा होने के बाद बहराइच व बलरामपुर से आने वाली ट्रेनों को अब गोंडा में बेवजह रुकना नहीं पड़ेगा, वह सीधे आगे की यात्रा के लिए रवाना की जा सकेंगी। अभी तक इन ट्रेनों को गोंडा में काफी देर तक रोकना पड़ता था। वहीं, चार प्लेटफार्म का उपयोग भी नहीं हो पा रहा था। रेलवे अफसरों की मानें तो जल्द ही काम पूरा कराने की तैयारी की जा रही है।
पूर्वोत्तर रेलवे के अपर महाप्रबंधक अमित कुमार अग्रवाल के प्रयास से गोंडा रेलवे यार्ड की इंटरलॉकिंग के लिए बनाए गये रोड मैप को रेलवे बोर्ड ने हरी झंडी दे दी है। जिसके तहत अब 17 मई से आठ जून तक 23 दिन में इंटरलॉकिंग का काम पूरा कराया जाएगा। इस दौरान जिले से होकर गुजरने वाली 84 ट्रेनों को निरस्त किया गया है तथा कई ट्रेनों का रूट डायवर्जन किया गया है। चार साल से लटका गोंडा रेलवे यार्ड की इंटरलॉकिंग का कार्य आरंभ होने से गोंडा, बहराइच व बलरामपुर जनपद के करीब सवा करोड़ लोगों को सीधे तौर से लाभ मिलेगा।
चार वर्ष पूर्व ही गोंडा से बहराइच व लूप खंड पर स्थित गोंडा से बलरामपुर छोटी लाइन का बड़ी लाइन में अमान परिवर्तन किया गया था। इसके लिए करोड़ों रुपये की लागत से चार प्लेटफार्म भी बनाए गये थे। मगर बनाए गये रेल ट्रैक का इंटरलॉकिंग का कार्य नहीं हो पाने से व इन ट्रैकों का संपर्क गोंडा रेलवे यार्ड से न जुड़ने के कारण बहराइच व बलरामपुर जनपद से आने-जाने वाली ट्रेनों का आवागमन प्रभावित होता था। यहां से आने वाली ट्रेनें सीधे लखनऊ, गोरखपुर, बादशाहनगर, प्रयागराज, मुंबई, दिल्ली के लिए नहीं जा सकती थीं। इसी नाते बनाए गये नए चार प्लेटफार्म पर ट्रेनें नहीं आ सकती थीं। इन ट्रेनों को गोंडा में 30 से 45 मिनट रोककर रवाना किया जाता था।
23 दिन तक ब्लॉक रहेगा रूट
पूर्वोत्तर रेलवे ने 17 मई से आठ जून के बीच 23 दिन तक रेलवे यार्ड की इंटरलॉकिंग का काम शुरू कराने को मंजूरी दी है। इसमें छह जून से आठ जून तक नॉन इंटरलॉकिंग का काम होगा। इंटरलॉकिंग के काम के लिए प्रतिदिन साढ़े पांच घंटे से 12 घंटे तक रूट ब्लॉक रहेगा। रेलवे ने कुल 42 जोड़ी ट्रेनों को निरस्त किया है। इसमें 10 जोड़ी पैसेंजर ट्रेनें शामिल हैं। इसमें कई ट्रेनें 23 दिन के लिए निरस्त हैं। कई ट्रेनें एक सप्ताह के लिए व कुछ ट्रेनें एक से दो दिन ही निरस्त रहेंगी।
पैसेंजर से लेकर एक्सप्रेस ट्रेनें तक निरस्त
इंटरलॉकिंग कार्य के लिए पैसेंजर ट्रेनों से लेकर एक्सप्रेस ट्रेनें तक निरस्त की गईं हैं। इसमें गोंडा से बहराइच, गोंडा से सीतापुर व गोंडा से गोरखपुर रूट पर चलने वाली पैसेंजर ट्रेन के साथ ही एक्सप्रेस व सुपरफास्ट ट्रेनें शामिल हैं। इसमें बरौनी से लखनऊ एक्सप्रेस, ग्वालियर से बरौनी मेल, छपरा कचहरी से गोमती नगर के बीच चलने वाली एक्सप्रेस, पाटलिपुत्र से लखनऊ सुपरफास्ट ट्रेन तथा गोरखपुर वाया बलरामपुर होकर ऐशबाग जाने वाली इंटरसिटी एक्सप्रेस ट्रेन 23 दिन के लिए निरस्त रहेगी। जबकि कुछ ट्रेनें 10 व सात दिन और कई ट्रेनें एक से दो दिन तक निरस्त रहेंगी। इसके अलावा कुछ ट्रेनों के रूट में बदलाव किया गया है।