सुरसा की तरह मुंह फैला रहा है अवैध खनन का कारोबार।

नवाबगंज (गोण्डा) थाना क्षेत्र के वन क्षेत्रों और समीपवर्ती गाँवों में आजकल अवैध खनन का कारोबार सुरसा की तरह लगातार अपना विस्तार कर रहा है। इन क्षेत्रों के जिम्मेदारों की शय पर लगातार खनन के मामले प्रकाश में आ रहे हैं लेकिन प्रशासन की ओर से कोई ठोस कार्रवाई ना होने के कारण खनन माफियाओं के हौसले इस कदर बुलंद हैं कि अब वह सरकारी भूमि को भी निशाना बना रहे हैं। क्षेत्र के करीब एक दर्जन गाँव की सीमा पर दिन-दहाड़े जेसीबी लगाकर खनन माफिया बेधड़क खनन करते रहे लेकिन राजस्व विभाग और पुलिस के जिम्मेदारों को कानो-कान भनक तक नहीं लगी।इस संबध में जब स्थानीय लेखपाल सुरेश कुमार से पूछा गया तो उन्होंने जानकारी नहीं होने की बात कही है। विभिन्न घटनाओं में तहसीलदार द्वारा मौके पर जाकर जांच भी की गयी थी। लिदेहना ग्रंट गाँव में लगभग एक हफ्ते पूर्व निजी खनन की अनुमति लेकर बड़े पैमाने पर खनन किया गया था।
क्यों बढ रहा है अवैध खनन का कारोबार – क्षेत्र के किशुंदासपुर, कोल्हमपुर, पर्वती, गढ़ी, लिदेहना ग्रंट, परसहना सहित वन क्षेत्र के विभिन्न स्थानों सहित करीब एक दर्जन गांवों में अवैध मिट्टी खनन हो रहा है तमाम जगहों पर ईंट भट्ठे संचालित हो रहे हैं। वन क्षेत्र में पाई जाने वाली मिट्टी ईंट बनाने के लिए उपयुक्त होती है। बाजार में साधरण मिट्टी की कीमत जहां 200 से 400 रूपये प्रति ट्राली है वहीं वन क्षेत्रों की मिट्टी की कीमत 600 से 800 है जबकि मिट्टी के खनन से लेकर परिवहन तक खर्च समान ही होता है।
क्या है खेल :- अवैध मिट्टी खनन के काले कारोबार को वैध बनाने के लिए सबसे उपयुक्त तरीका होता है खनन की अनुमति बनवाना । अनुमति के लिए खनन माफियाओं द्वारा स्थानीय राजस्व अधिकारियों से सांठगांठ कर किसी भी गाटा संख्या पर निजी कार्य के लिए खनन की अनुमति उपजिलाधिकारी के कार्यालय से ली जाती है। इसी अनुमति के आधार पर ये खनन माफिया मनचाही भूमि पर अनुमति के मानकों को ताक पर रखकर बेधड़क खनन कर मिट्टी का अवैध व्यापार करते हैं। जब इस संबध में राजस्व विभाग के स्थानीय अधिकारियों से बात की जाती है तो वह अनुमति का हवाला देते हैं जबकि कितने घन मीटर के खनन की अनुमति है इसकी जानकारी मांगने पर टाल-मटोल करते हैं। यदि कहीं मामला फंसता है तो अनुमति की बात बताते हैं। इन सभी घटनाओं के बारे में जिलाधिकारी उज्जवल कुमार ने कहा कि सभी मामलों की जांच करवाकर नियमानुसार कड़ी कार्रवाई की जाएगी।