गोंडा में या हुसैन की सदाओं संग अकीदत से मनाया गया मुहर्रम
गोंडा में या हुसैन की सदाओं संग अकीदत से मनाया गया मुहर्रम
Gonda News: पैगंबर मोहम्मद के नवासे इमाम हुसैन की शहादत का प्रतीक मुहर्रम गमगीन माहौल में अकीदत के साथ मनाया गया। दसवीं का जुलूस निकालकर ताजिया को कर्बला में दफन किया गया। शहर के साथ ग्रामीण क्षेत्रों में निकले जुलूस में पैगंबर हजरत मोहम्मद साहब के नवासे हजरत इमाम हुसैन की इंसानियत के खातिर दी गई कुर्बानी को याद किया। जुलूस कर्बला पहुंचा और वहां पर ताजिया को सुपुर्द- ए- खाक किया गया। ग्रामीण क्षेत्रों में परंपरा के अनुसार स्थानीय तालाबों और पोखरों में भी दफन किया। इस दौरान पुलिस व प्रशासन की निगरानी रही। ड्रोन और सीसीटीवी कैमरों से भी निगरानी हुई। सुन्नी समुदाय के लोग कर्बला के शहीदों की याद में डूूबे रहे, वहीं शिया समुदाय के लोगों ने मातम किया। ताजिया देखने को भारी भीड़ रही। सुरक्षा को लेकर आवश्यक प्रबंध किए गए थे। अधिकारी खुद व्यवस्था की निगरानी कर रहे थे। मान्यता है कि हुसैन व उनके 72 साथियों ने इस्लाम के लिए यजीद से जंग कर अपनी शहादत दी थी। मुहर्रम उसी कुर्बानी को याद करने का पर्व है। सोमवार की रात विभिन्न मुहल्लों व इमामबाड़ों में ताजिया स्थापित किया गया था। शनिवार को स्थापित ताजिये का जुलूस निकला तो उसके दीदार के लिए लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी। जुलूस में शामिल लोग या हुसैन हम न थे या नवी हम न थे की सदाओं से वातावरण गुंजायमान रहा। विभिन्न मार्गों से होता हुआ जुलूस कर्बला पहुंचा, जहां पर ताजिया दफन किया गया।