श्री राम मंदिर आंदोलन और संघर्ष में जान गंवाने वालों की आत्मा की शांति के लिए ट्रस्ट करेगा श्राद्ध व तर्पण
श्री राम मंदिर आंदोलन और संघर्ष में जान गंवाने वालों की आत्मा की शांति के लिए ट्रस्ट करेगा श्राद्ध व तर्पण
- 13 अक्टूबर की शाम मंत्रोच्चार के बीच श्री राम मंदिर ट्रस्ट के पदाधिकारी की मौजूदगी में सरयू में प्रज्वलित दीपो का दान ।
- कांची काम कोटि पीठ के शंकराचार्य विजेंद्र सरस्वती की देखरेख में होगा पूरा कार्यक्रम ।
अयोध्या में लगभग 500 वर्षों तक चले राम जन्मभूमि मंदिर आंदोलन और संघर्ष के बीच अपनी जान गवाने वाले लोगो को अब श्री राम मंदिर ट्रस्ट श्रद्धांजलि देने जा रहा है । श्री राम मंदिर ट्रस्ट ने ऐलान किया है कि वह ऐसे जाने- अनजाने बलिदानी लोगों की हुतात्माओ की शांति के लिए
पितृपक्ष में श्रद्धा व तर्पण करेगा । इसके लिए सभी आत्माओं की शांति और उनकी मुक्ति के लिए 13 अक्टूबर की सायंकाल राम की पैड़ी पर दीपदान कार्यक्रम का आयोजन किया गया है । इस दौरान शांति प्रार्थना और मंत्रोच्चार के बीच सरयू में लगभग 10 हजार प्रज्वलित दीप अर्पित किए जाएंगे ।
अयोध्या में भव्य श्री राम जन्मभूमि मंदिर बन रहा है । 22 जनवरी 2024 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में रामलला के बाल स्वरूप की प्राण प्रतिष्ठा भी होनी है । ऐसे समय में श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट को सबसे अधिक याद उन लोगों की आ रही है जिन्होंने लंबे समय के संघर्ष के दौरान दौरान अपने प्राणों की आहुति दे दी । इसके पीछे यह मान्यता भी है कि जिस उद्देश्य के लिए उन्होंने अपने प्राण न्योछावर किए थे वह श्री राम जन्मभूमि मंदिर अब बनकर तैयार हो रहा है लिहाजा उनकी अधूरी इच्छा पूर्ण हो चुकी है । इसलिए अब उनकी आत्मा की मुक्ति के लिए पूजन आवश्यक है । इसलिए यह कार्यक्रम भी प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के पहले के कार्यक्रम का एक हिस्सा है । इसके लिए पहले राम मंदिर ट्रस्ट नहीं बाल्मीकि रामायण व रामचरितमानस का नव दिवसीय यह पाठ कराया उसके बाद अब 13 अक्टूबर की शाम 6 बजे से 7 बजे के बीच सरयू तट पर श्राद्ध कर्म और तर्पण करने जा रहा है । यही नहीं मंदिर आंदोलन के लिए सबसे बड़ा त्याग करने वाले लोगों की शांति के लिए पूजन कांची काम कोटि पीठ के शंकराचार्य विजेंद्र सरस्वती की देखरेख में होगा । उनके आश्रम से जुड़े लोग श्राद्ध कर्म और तर्पण के समय साधना और पूजन अर्चन करेंगे । इस कार्यक्रम में श्री राम मंदिर ट्रस्ट के पदाधिकारी के अलावा बड़ी संख्या में अन्य लोग भी भाग लेंगे । राम मंदिर ट्रस्ट की योजना यह भी है कि ऐसे कुछ परिवारों को भी इस कार्यक्रम में आमंत्रित किया जाए जिनके किसी अपने ने राम मंदिर आंदोलन और संघर्ष में अपनी जान गंवाई हो ।
चंपत राय महासचिव श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट … हमारे बीच में यह सुझाव आया है कि 500 साल में न जाने कितने लोगों ने अयोध्या के राम जन्मभूमि को प्राप्त करने के लिए प्राण दिए । कोई जानता नहीं उनके नाम क्या होंगे, कुछ जानते हैं ज्यादातर लोगों को कोई जानता नहीं , तो सबकी इच्छाएं पूरी हो गई । उनकी आत्मा को सदगति और शांति प्राप्त हो, इसके लिए 13 अक्टूबर आज 11 है 13 अक्टूबर को शुक्रवार सायकल 6:00 बजे से 7:00 बजे तक राम की पैड़ी पर ज्ञात-अज्ञात हुतात्माओं की शांति के लिए सरयू में दीपदान करेगें ।