गोंडा में स्कूल जाने वाली एक 14 वर्षीय छात्रा की गायबी की घटना ने नगर कोतवाली क्षेत्र को आघात दिया है। इस घटना के बावजूद, अभी तक छात्रा का पता नहीं चला है। यह घटना बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान को उजागर करती है, क्योंकि इससे सवाल उठता है कि क्या हमारे समाज में बेटियों की सुरक्षा और शिक्षा का सम्मान है या नहीं।
नाबालिक छात्रा के परिजनों ने नगर कोतवाली में लिखित शिकायती पत्र दाखिल किया है और मुकदमा भी पंजीकृत करवाया है, लेकिन 6 दिनों के बाद भी छात्रा का पता नहीं चला है। छात्रा की माता-पिता अधिकारियों के चक्कर काट रहे हैं और उच्चाधिकारियों से मदद की गुहार लगा रहे हैं। परिजनों का डर यह है कि कहीं उनकी बेटी के साथ कोई अनहोनी न हो जाए।
इस दुखद स्थिति में, पुलिस अधिक्षक विनीत जायसवाल से न्याय की गुहार लगाई गई है। परिजनों का कहना है कि पुलिस अभी तक इस मामले की जांच में कामयाब नहीं हुई है और उन्हें धमकियां भी मिल रही हैं। वे इस मामले में न्याय की मांग कर रहे हैं और आशा कर रहे हैं कि छात्रा शीघ्र ही सुरक्षित और स्वस्थ रूप से वापस मिलेगी।
यह घटना हमें यह याद दिलाती है कि हमें अपने समाज में बेटियों की सुरक्षा और शिक्षा के प्रति जितना ध्यान देना चाहिए, उतना ही ध्यान देना चाहिए। बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान को सच्चे मन से अमल में लाना होगा, ताकि हमारे समाज में बेटियों को सम्मान और सुरक्षा मिल सके।