
नई दिल्ली:
साल 2018 की सुपरहिट फिल्म ‘रेड’ के बाद अजय देवगन अब ‘रेड 2’ में एक बार फिर ईमानदार और जाबांज इनकम टैक्स अफसर अमय पटनायक के रोल में लौटे हैं। इस फिल्म में न केवल जबरदस्त कहानी है, बल्कि एक्शन, इमोशन और सामाजिक सच्चाई का भी गहरा मिश्रण देखने को मिलता है।
कहानी की झलक:
रेड 2 की शुरुआत एक हाई वोल्टेज सीन से होती है, जहां अमय पटनायक (अजय देवगन) एक बड़े भ्रष्ट राजनीतिक व्यक्ति के ठिकानों पर रेड मारने निकलते हैं। इस बार रेड होती है राजस्थान के भोज इलाके में, जहां अमय को मिलता है सत्ता का घमंड, लालच और चालाकी से भरा विरोध। साथ में हैं उनकी पत्नी मालिनी (वाणी कपूर) और बेटी, जो हर बार की तरह उनके तबादलों की मार झेल रहे हैं।
डायरेक्शन (निर्देशन):
राज कुमार गुप्ता ने इस बार भी अपने डायरेक्शन से कमाल कर दिया है। जिस तरह पहले पार्ट में ताऊजी (सौरभ शुक्ला) के घर के भीतर ही पूरी फिल्म को बांधे रखा गया था, ठीक उसी तरह इस बार भी सीमित लोकेशन में भी कहानी का स्केल बड़ा और प्रभावशाली लगता है। लोकेशन, कैमरा एंगल्स और बैकग्राउंड स्कोर फिल्म की टेंशन को और गहरा बनाते हैं।
अभिनय:
- अजय देवगन अमय पटनायक के रोल में एक बार फिर छा गए हैं। उनकी बॉडी लैंग्वेज, संवाद और आंखों की गंभीरता दर्शकों को किरदार से जोड़ देती है।
- अमित सियाल फिल्म का सरप्राइज पैकेज हैं। उन्होंने विलेन के रोल में दिल जीत लिया है।
- रितेश देशमुख इस फिल्म में ‘बैड बॉय’ के रूप में एक नए अवतार में नजर आते हैं और उन्होंने अपनी मौजूदगी से हर सीन में असर छोड़ा है।
तकनीकी पक्ष:
- बैकग्राउंड स्कोर कहानी को रफ्तार देता है।
- एडिटिंग क्रिस्प है और कहीं भी फिल्म खिंचती नहीं है।
- सिनेमैटोग्राफी विजुअली मजबूत है, खासकर रेड के सीन को रियलिस्टिक टच देती है।
फिल्म क्यों देखें:
अगर आपको सच्चाई की लड़ाई पसंद है, सिस्टम से टकराने वाले किरदार अच्छे लगते हैं और क्राइम-थ्रिलर फिल्मों में दमदार एक्टिंग देखना पसंद है, तो ‘रेड 2’ आपको बिलकुल निराश नहीं करेगी।