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इटली के ट्यूरिन विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने एक ऐतिहासिक खोज की है। उन्होंने एक 800 साल पुरानी दक्षिण अमेरिकी ममी के गाल पर एक अनोखा टैटू पाया है, जो अब भी स्पष्ट रूप से दिखाई देता है। यह टैटू तीन समानांतर रेखाओं का एक पैटर्न है, जो गाल की त्वचा पर उकेरा गया है।
महत्वपूर्ण तथ्य:
- टैटू की संरचना: गाल पर उकेरे गए तीन समानांतर रेखाओं का यह टैटू प्राचीन एंडियन संस्कृतियों में दुर्लभ माना जाता है, विशेषकर गाल की त्वचा पर।
- स्याही का विश्लेषण: शोधकर्ताओं ने पाया कि इस टैटू में प्रयुक्त स्याही सामान्य चारकोल से अलग थी। यह स्याही मैग्नेटाइट (magnetite) नामक खनिज से बनी थी, जो एक काले रंग का लौह अयस्क है। यह संभवतः दक्षिण अमेरिका में टैटू बनाने के लिए प्रयुक्त पहला ज्ञात खनिज है।
- ममी की स्थिति: यह ममी एक बैठी हुई अवस्था में पाई गई है, जो पेरू की पाराकास संस्कृति की पारंपरिक ‘फार्डो’ (fardo) शवपद्धति को दर्शाती है। इस शवपद्धति में मृत शरीर को कपड़ों में लपेटकर बैठी हुई स्थिति में रखा जाता था।
- ममी का इतिहास: यह ममी 1931 में इटली के एक संग्रहालय को दान में दी गई थी। उस समय इसके बारे में अधिक जानकारी उपलब्ध नहीं थी। हाल ही में शोधकर्ताओं ने इसके अवशेषों की आयु 1215 से 1382 ईस्वी के बीच निर्धारित की है।
शोधकर्ताओं का दृष्टिकोण:
शोधकर्ताओं का मानना है कि यह खोज प्राचीन एंडियन संस्कृतियों में टैटू बनाने की कला और उनके सांस्कृतिक प्रथाओं के बारे में नई जानकारी प्रदान करती है। विशेष रूप से, टैटू में प्रयुक्त स्याही के प्रकार और शरीर की संरचना के बारे में अधिक अध्ययन की आवश्यकता है।