
भारत और पाकिस्तान के बीच हालिया संघर्ष में, भारतीय सेना के चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल अनिल चौहान ने पाकिस्तान के साथ हुई हवाई झड़पों में प्रारंभिक नुकसान स्वीकार किया है। उन्होंने कहा कि शुरुआती चरण में कुछ विमान खोने के बावजूद, भारतीय सेनाओं ने अपनी रणनीति में सुधार किया और पाकिस्तान के अंदर गहरे तक सटीक हमले किए।
सीडीएस ने पाकिस्तान के दावे को खारिज किया कि उसने छह भारतीय विमानों को गिराया था, और कहा कि यह दावा बेबुनियाद है। इसके अलावा, उन्होंने यह भी बताया कि पाकिस्तान के लगभग 80% हथियार चीन से आते हैं, जो क्षेत्रीय सुरक्षा के लिए चिंता का विषय है।
इस बीच, भारत ने अंतरराष्ट्रीय मंचों पर पाकिस्तान के आतंकवादियों के समर्थन के मुद्दे को उठाया है, जिससे पाकिस्तान के पुराने सहयोगी देशों, जैसे चीन, से दूरी बनती जा रही है।
इस घटनाक्रम ने भारत में राजनीतिक हलकों में भी हलचल मचा दी है, जहां विपक्षी दलों ने सरकार से इस मुद्दे पर स्पष्टीकरण की मांग की है।
विश्लेषण:
सीडीएस का बयान भारतीय सेना की पारदर्शिता और आत्मविश्वास को दर्शाता है। पाकिस्तान के साथ बढ़ते तनाव और चीन के बढ़ते प्रभाव के बीच, भारत की सैन्य और कूटनीतिक रणनीतियाँ महत्वपूर्ण हो गई हैं।
पाकिस्तान के आर्थिक संकट और अंतरराष्ट्रीय समर्थन में कमी, विशेष रूप से चीन की चुप्पी, उसे और अधिक दबाव में डाल सकती है।
भारत की यह स्थिति न केवल सैन्य दृष्टिकोण से, बल्कि कूटनीतिक और राजनीतिक दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह क्षेत्रीय शक्ति संतुलन को प्रभावित कर सकती है।