
रूस के अंदर गहरे इलाकों में किए गए हालिया यूक्रेनी ड्रोन हमलों को लेकर राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने इसे एक “ऐतिहासिक” और “रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण” ऑपरेशन बताया है। इस हमले में यूक्रेन ने रूस के पांच प्रमुख एयरबेसों को निशाना बनाकर 40 से अधिक रूसी सैन्य विमान नष्ट कर दिए हैं।
ऑपरेशन ‘स्पाइडर’ की योजना और सफलता
इस सैन्य अभियान को ‘ऑपरेशन स्पाइडर’ नाम दिया गया था। जेलेंस्की ने बताया कि इस मिशन की योजना पर लगभग 1.5 वर्षों से काम चल रहा था। यूक्रेनी सुरक्षा सेवा (SBU) द्वारा संचालित इस ऑपरेशन में 117 FPV (First Person View) ड्रोन का इस्तेमाल किया गया, जो लंबी दूरी तय कर सकते हैं और सटीक निशाना लगाते हैं।
हमलों का निशाना बने रूसी एयरबेसों में से कई साइबेरिया जैसे क्षेत्रों में स्थित थे, जो यूक्रेन से काफी दूरी पर हैं। इन ठिकानों पर स्थित कई रणनीतिक बमवर्षक विमान नष्ट किए गए, जो अक्सर यूक्रेन पर मिसाइल हमलों में इस्तेमाल होते हैं।
सुरक्षित वापसी और नेतृत्व की तारीफ़
जेलेंस्की ने इस ऑपरेशन को एक “उदाहरणीय योजना” बताया और इसके सफल क्रियान्वयन का श्रेय यूक्रेनी सुरक्षा प्रमुख वसील मालियुक और उनकी टीम को दिया। उन्होंने यह भी कहा कि ऑपरेशन में शामिल सभी यूक्रेनी सैनिकों और तकनीकी कर्मियों को समय रहते रूस से सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया।
उनके शब्दों में:
“हमने यह दिखा दिया है कि रूस के भीतर भी हम उन्हें असुरक्षित महसूस करा सकते हैं। रूस ने युद्ध शुरू किया, अब उसे खत्म करना होगा।”
प्रभाव और अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रियाएं
यह ऑपरेशन उस समय हुआ है जब इस्तांबुल में शांति वार्ता की तैयारियाँ चल रही हैं। यूक्रेन के इस साहसिक कदम ने रूस को कड़ा संदेश दिया है और अंतरराष्ट्रीय मंच पर एक नई चर्चा को जन्म दिया है।
रूस ने इस हमले को “आतंकवादी हमला” करार दिया है, वहीं यूक्रेन ने इसे रक्षा और जवाबी कार्रवाई बताया है।