
दिल्ली सरकार के वरिष्ठ मंत्री और AAP के नेता सौरभ भारद्वाज ने साफ कहा है कि आम आदमी पार्टी बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में किसी भी दल के साथ गठबंधन नहीं करेगी और सभी सीटों पर अकेले चुनाव लड़ेगी।
📌 AAP ने क्यों लिया अकेले चुनाव लड़ने का फैसला?
- गठबंधन धर्म का उल्लंघन (गुजरात उपचुनाव):
सौरभ भारद्वाज ने कांग्रेस पर आरोप लगाया कि उसने गुजरात उपचुनाव में गठबंधन धर्म का पालन नहीं किया, जहां कांग्रेस ने AAP के खिलाफ अपना प्रत्याशी उतार दिया।
इससे पार्टी को लगा कि गठबंधन में भरोसा नहीं किया जा सकता, और इसी वजह से उन्होंने बिहार में अकेले उतरने का निर्णय लिया। - दिल्ली में बिहारियों के साथ व्यवहार:
भारद्वाज ने यह भी आरोप लगाया कि दिल्ली में बिहार के लोगों को नौकरी नहीं मिल रही, और उनके घरों पर बुलडोजर चलाया जा रहा है।
उनका कहना था कि इन वजहों से बड़ी संख्या में बिहार के लोग दिल्ली से वापस भेजे जा रहे हैं, जो कि एक गंभीर मुद्दा है।
🗳️ AAP की चुनावी रणनीति:
- पार्टी बिहार की 243 विधानसभा सीटों पर उम्मीदवार उतारेगी।
- पार्टी का जोर होगा शिक्षा, स्वास्थ्य, भ्रष्टाचार-रहित शासन और रोजगार जैसे अपने मजबूत मुद्दों पर।
- सौरभ भारद्वाज के अनुसार, पार्टी बिहार में जनता के भरोसे पर उतरने को तैयार है।
🔍 इस फैसले के निहितार्थ:
- INDIA गठबंधन को झटका:
AAP पहले INDIA गठबंधन का हिस्सा थी। लेकिन इस फैसले से यह स्पष्ट है कि राष्ट्रीय स्तर पर विपक्षी एकता में दरार है। - बिहार में नई सियासी बिसात:
AAP का बिहार चुनाव में उतरना उन दलों को सीधी चुनौती है जो अब तक राज्य की पारंपरिक राजनीति में सक्रिय रहे हैं, जैसे कि RJD, JDU और BJP।