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भारत शांति की भाषा जानता है, लेकिन…

गौतम अडानी ने AGM में देश और कंपनी की मजबूती पर दिया गौरवपूर्ण बयान

अडानी समूह के चेयरमैन गौतम अडानी ने कंपनी की 32वीं वार्षिक आम बैठक (AGM 2025) में एक सशक्त और आत्मविश्वास से भरा संदेश दिया। उन्होंने भारत की वैश्विक भूमिका, कंपनी की सामाजिक जिम्मेदारियों और चुनौतियों के बीच संस्थागत मजबूती पर जोर दिया।

शांति और शक्ति दोनों का प्रतीक भारत

गौतम अडानी ने अपने भाषण में कहा:

“भारत शांति की भाषा जानता है, लेकिन अगर कोई हमें गुस्से वाला चेहरा दिखाएगा तो हम भी जवाब देना जानते हैं।”

यह बयान स्पष्ट रूप से भारत की भू-राजनीतिक रणनीति और आत्मरक्षा के सिद्धांत को दर्शाता है — जहां “वसुधैव कुटुम्बकम्” (संपूर्ण विश्व एक परिवार) की भावना को आत्मसात किया जाता है, लेकिन आक्रामकता का भी सटीक उत्तर देने की क्षमता मौजूद है।

अडानी ग्रुप पर हमले और उसका जवाब

गौतम अडानी ने विदेशी शॉर्ट सेलर्स (विशेष रूप से Hindenburg Research का नाम लिए बिना) द्वारा की गई कोशिशों का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि कैसे इन हमलों के बावजूद समूह ने न केवल खुद को संभाला बल्कि अपनी वित्तीय और नैतिक स्थिति को और मजबूत किया।

Adani Foundation की सामाजिक भूमिका

गौतम अडानी ने यह भी बताया कि उनका समूह कॉर्पोरेट फायदे के साथ सामाजिक ज़िम्मेदारी को भी गंभीरता से लेता है।

  • अडानी फाउंडेशन भारत के 6,769 गांवों में सक्रिय है
  • लगभग 91 लाख लोगों को लाभ मिला है
  • कार्यक्रमों में स्वास्थ्य, शिक्षा, कौशल विकास, और पोषण से जुड़ी सेवाएं शामिल हैं

भारत की उभरती वैश्विक स्थिति

अडानी ने भारत के वैश्विक प्रभाव की चर्चा करते हुए कहा कि भारत अब केवल “एक उभरती अर्थव्यवस्था” नहीं, बल्कि एक वैश्विक नेता के रूप में देखा जा रहा है।

उनके अनुसार, तकनीकी, बुनियादी ढांचे और हरित ऊर्जा जैसे क्षेत्रों में भारत के कदम पूरी दुनिया में प्रेरणा बन रहे हैं।

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