
पटना। आम आदमी पार्टी (AAP) ने बिहार विधानसभा चुनाव 2025 को लेकर बड़ा राजनीतिक फैसला लिया है। पार्टी ने स्पष्ट रूप से घोषणा की है कि वह राज्य की सभी 243 विधानसभा सीटों पर अकेले चुनाव लड़ेगी और किसी भी पार्टी या गठबंधन से कोई समझौता नहीं करेगी। इस फैसले की घोषणा AAP के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने पार्टी नेतृत्व के साथ मिलकर की है।
गठबंधन से दूरी
AAP ने साफ कर दिया है कि वह न तो राष्ट्रीय स्तर पर सक्रिय INDIA गठबंधन का हिस्सा रहेगी और न ही राज्य स्तर पर महागठबंधन जैसे किसी राजनीतिक दल के साथ गठजोड़ करेगी। पार्टी ने जून 2025 में ही संकेत दे दिए थे कि वह INDIA गठबंधन से अलग हो रही है, और अब इस फैसले को औपचारिक रूप से लागू कर दिया गया है।
चुनावी एजेंडा: स्थानीय मुद्दों पर फोकस
पार्टी ने बिहार की जनता से जुड़े बुनियादी मुद्दों को अपने चुनावी अभियान का आधार बनाया है। इसमें बिजली, पानी, शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार और प्रशासन में पारदर्शिता जैसे विषय प्रमुख रहेंगे। AAP का कहना है कि वह ‘केजरीवाल मॉडल’ को बिहार में लागू करने की मंशा के साथ मैदान में उतर रही है।
ज़ोरों पर तैयारी
AAP की चुनावी तैयारियाँ ज़ोर-शोर से जारी हैं। पार्टी के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद संजय सिंह इन दिनों पटना में सक्रिय अभियान चला रहे हैं। वे कार्यकर्ताओं से मुलाकात कर रहे हैं, स्थानीय मुद्दों की समझ बना रहे हैं और संगठन को मजबूत कर रहे हैं।
नया राजनीतिक विकल्प
AAP का उद्देश्य राज्य की पारंपरिक राजनीति—जो अब तक NDA और महागठबंधन के इर्द-गिर्द घूमती रही है—के बीच एक वैकल्पिक राजनीतिक ताकत के रूप में उभरना है। पार्टी का मानना है कि बिहार में बदलाव की ज़रूरत है और जनता अब एक नए विकल्प की तलाश में है।