
धरमशाला से खबर में बताया गया है कि माइक्लोडगंज के त्सुग्लक्खांग मंदिर परिसर में आयोजित लांग‑लाइफ समारोह के दौरान दलाई लामा ने कहा कि वह अब तक बुद्धधर्म और तिब्बती लोगों की सेवा अच्छे से कर पाए हैं और आशा करते हैं कि भविष्य में 30 से 40 साल और जीवित रह सकेंगे। यह उत्सव उनके 90वें जन्मदिन की पूर्व संध्या पर हुआ।
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि उनकी अंत्यावासिनी पुनर्जन्म प्रक्रिया गादेन फोद्रांग ट्रस्ट के अधिकार में होगी और चीन को इसमें हस्तक्षेप नहीं करने दिया जाएगा। ट्रस्ट को उनकी संस्थागत उत्तराधिकारी चुनने का अधिकार होगा।
समारोह में हजारों अनुयायियों ने हिस्सा लिया, जहां पारंपरिक धार्मिक अनुष्ठान और मंत्रपूजा की गई। दलाई लामा ने कहा कि निर्वासित जीवन में वह धर्म और जीवों के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध रहे हैं और भविष्य में भी इसी सेवा को जारी रखेंगे।
चीन की ओर से उनके पुनर्जन्म पर दावेदारी करने के प्रयास जारी हैं, लेकिन दलाई लामा का स्पष्ट संदेश है कि उनकी संस्था ही उत्तराधिकारी को पहचानेगी।