
संयुक्त राज्य अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने उन देशों के विरुद्ध कड़ी चेतावनी दी है जो ब्रिक्स समूह की तथाकथित “अमेरिका विरोधी नीतियों” का समर्थन कर रहे हैं। ट्रंप ने स्पष्ट किया कि यदि कोई देश ब्रिक्स की नीति के साथ अपनी सहमति दिखाता है या अमेरिका के विरुद्ध किसी आर्थिक मोर्चे पर सहयोग करता है, तो उस पर 10 प्रतिशत की दर से अतिरिक्त आयात शुल्क (कस्टम टैरिफ) लगाया जाएगा।
डोनाल्ड ट्रंप ने यह बयान अपने निजी सोशल मीडिया मंच “ट्रुथ सोशल” पर साझा किया और कहा कि यह नीति सभी देशों पर समान रूप से लागू होगी और इसमें किसी को भी छूट नहीं दी जाएगी। यह घोषणा ऐसे समय में की गई है जब ब्रिक्स समूह की बैठक ब्राज़ील के रियो डी जनेरियो शहर में चल रही है। इस बैठक में कई देशों के राष्ट्राध्यक्ष भाग ले रहे हैं, हालांकि चीन और रूस के शीर्ष नेता इस सम्मेलन में व्यक्तिगत रूप से उपस्थित नहीं हैं।
ब्रिक्स देशों ने अपने हालिया वक्तव्य में एकतरफा टैरिफ और व्यापार अवरोधों की आलोचना करते हुए कहा कि इस प्रकार की नीतियां विश्व व्यापार संगठन के नियमों का उल्लंघन करती हैं और वैश्विक व्यापारिक स्थिरता को नुकसान पहुंचाती हैं। इसके जवाब में, ट्रंप ने अपने पुराने रवैये को दोहराते हुए यह चेतावनी दी कि जो भी देश अमेरिका के खिलाफ खड़े होंगे, उन्हें आर्थिक कीमत चुकानी पड़ेगी।
संयुक्त राज्य अमेरिका के ट्रेज़री सचिव स्कॉट बेसेन्ट ने भी स्पष्ट किया कि जो देश आगामी एक अगस्त तक अमेरिका के साथ व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर नहीं करेंगे, उनके विरुद्ध अप्रैल में घोषित कठोर टैरिफ पुनः लागू किए जाएंगे। उन्होंने यह भी कहा कि व्यापार संतुलन को सुधारने के लिए यह आवश्यक कदम है।
यह पूरा घटनाक्रम दर्शाता है कि अमेरिका आगामी राष्ट्रपति चुनाव से पहले एक आक्रामक व्यापार नीति की ओर अग्रसर है और यह नीति वैश्विक स्तर पर व्यापारिक संबंधों को प्रभावित कर सकती है।